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September 14, 2013
Dhanas, Chandigarh


PM’s address at handing over possession of flats under Slum Rehabilitation Scheme of JNNURM at Dhanas, Chandigarh

Following is the address of the Prime Minister, Dr. Manmohan Singh, delivered in Hindi, at the handing over possession of flats under Slum Rehabilitation Scheme of JNNURM at Dhanas, Chandigarh today:

"आज हम Jawaharlal Nehru National Urban Renewal Mission की झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास योजना के अंतर्गत बनाए गए 8000 मकानों को लाभार्थियों को सौंपने के लिए इकट्ठा हुए हैं। JNNURM को शुरू हुए करीब 8 साल हो चुके हैं। आज सबसे पहले मैं Housing and Urban Poverty Alleviation Ministry को इस महत्वपूर्ण मिशन को मेहनत और लगन से लागू करने के लिए बधाई देना चाहूंगा।

मैं Chandigarh Administration और Chandigarh Housing Board को भी बधाई देता हूं कि उन्होंने झुग्गी झोपड़ियों में रहने वालों के पुनर्वास के लिए इतने बड़े Project को सफलतापूर्वक लागू किया है। मुझे बताया गया है कि इससे लगभग 40,000 लोगों को फायदा पहुंचेगा। यह निश्चय ही Chandigarh शहर को झुग्गी झोपड़ी मुक्त बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है।

साल 2006 में एक Survey के ज़रिए पहचाने गए सभी झुग्गी झोपड़ी निवासियों को आवास उपलब्ध कराने की महत्वाकांक्षी योजना आपके शहर में लागू की जा रही है। इसमें करीब 12000 मकान आने वाले समय में बनाए जाएंगे। मैं इस काम के लिए Chandigarh Administration को अपनी शुभकामनाएं भी देता हूं।

भारत में Urbanisation की रफ्तार आने वाले वर्षों में बढती जाएगी। 1971 में हमारे देश की शहरी जनसंख्या करीब 11 करोड़ थी। 1971 से 2011 के बीच के 40 सालों में इसमें करीब 27 करोड़ की बढ़ोत्तरी हुई। यह अनुमान लगाया जाता है कि अगले 20 सालों में यह और तेज़ी से बढ़ेगी और इसमें करीब 22 करोड़ का और इज़ाफा होगा।

यह बढ़ोत्तरी शहरी बुनियादी ढांचे पर बहुत भारी दबाव डालेगी। हमारे शहरों में जो झुग्गी झोपड़ियां हैं वह इस बात का नमूना पेश करती हैं कि तेज़ Urbanisation से किस प्रकार की समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

आज हमारे देश में Slums में रहने वाले लोगों की संख्या लगभग 10 करोड़ है और 2017 तक यह बढ़कर 10.4 करोड़ तक हो जाने का अनुमान लगाया गया है।

इस बड़ी समस्या को देखते हुए, केन्द्र सरकार ने शहरी ग़रीबों की आवासीय ज़रूरतों को पूरा करने में राज्यों को सहायता देने की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली है, हालांकि Housing राज्य सरकारों का विषय है। 2005 से लेकर अब तक JNNURM के तहत लगभग 15.6 लाख आवास मंज़ूर किए गए हैं, और इससे Social Housing और बुनियादी सुविधाओं में करीब 41 हजार करोड़ रुपए से ज़्यादा का निवेश होने का अनुमान है।

झुग्गी झोपड़ियों और उनके फैलाव की समस्या को हल करने के लिए हमारी सरकार ने राजीव आवासीय योजना आरंभ की है। इसके अंतर्गत एक `Slum Free India` की कल्पना की गई है, जिसमें हरेक नागरिक को एक अच्छा साफ-सुथरा आवास और बुनियादी सुविधाएं प्राप्त हो सकें, जिनसे उन्हे अपनी रोज़ी-रोटी में भी सहायता मिले। इस योजना के तहत केन्द्र सरकार आने वाले 4 वर्षों में शहरी ग़रीबों के लिए 10 लाख आवास उपलब्ध कराने की कोशिश करेगी।

शहरी ग़रीब लोगों को 5 लाख रुपए तक के आवासीय कर्ज पर ब्याज में 5% सब्सिडी दी जा रही है। 1 हजार करोड़ रुपए की पूंजी से एक Credit Risk Guarantee Fund भी स्थापित किया गया है। इस फण्ड के ज़रिए शहरी ग़रीबों को बैंकों से कर्ज लेते समय Collateral Security की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यह योजना आने वाले 4 वर्षों में शहरी ग़रीबों के लिए अतिरिक्त 10 लाख आवासीय इकाईयों के निर्माण में मदद करेगी।

शहरी ग़रीबों के लिए आवासीय सुविधाओं के विकास में निज़ी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने के लिए भी हमने एक स्कीम और शुरू की है। इसमें निज़ी क्षेत्र की Companies को आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्गों और LIG श्रेणी के लोगों के लिए आवास बनाने के लिए आर्थिक लाभ दिए जाते हैं।

जैसा कि हम सब जानते हैं चण्डीगढ़ भारत की आज़ादी के बाद बसाया जाने वाला पहला Planned शहर है। यह शहर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने Architecture और Urban Design के लिए बहुत प्रसिद्ध है। तमाम भारतीय राज्यों और Union Territories में इस शहर की प्रतिव्यक्ति आमदनी भी सबसे अधिक है। 2010 में इसे भारत का सबसे "साफ-सुथरा" शहर घोषित किया गया था।

मुझे उम्मीद है कि चण्डीगढ़ बहुत जल्दी भारत का पहला झुग्गी झोपड़ी मुक्त शहर बनने का गौरव भी प्राप्त करेगा।

अंत में, मैं एक बार फिर Housing and Urban Poverty Alleviation Ministry और चण्डीगढ़ प्रशासन को इस Project को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए बधाई देता हूं। मेरा मानना है कि इस तरह की महत्वपूर्ण योजनाएं हमारे देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने के सफर में एक नई मिसाल बनेंगी।"