भाषण [वापस जाएं]

January 28, 2014
नई दिल्‍ली


एनसीसी रैली में प्रधानमंत्री का भाषण

आज नई दिल्‍ली में आयोजित एनसीसी रैली में दिए गए प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह  के भाषण का अनूदित पाठ इस प्रकार है:-

"राष्‍ट्रीय कैडेट कोर के युवा और उत्‍साही सदस्‍यों के बीच एक बार फिर आकर मुझे बहुत प्रसन्‍नता महसूस हो रही है। एनसीसी के कैडेटों ने आज जो प्रभावशाली प्रदर्शन किया और गणतंत्र दिवस पर जो शानदार मार्च किया, मैं उसकी सराहना करता हूं। उनके अनुशासन, उनके जोश और उनकी ऊर्जा ने सभी देखने वालों को प्रेरणा दी। एनसीसी कैडेट नेतृत्‍व, कर्तव्‍य, साहस और सेवा के प्रतीक हैं। मुझे विश्‍वास है कि एनसीसी कैडेटों जैसे युवाओं के हाथों में हमारे राष्‍ट्र की बागडोर होने से हमारे देश का भविष्‍य उज्‍ज्‍वल है।

नेशनल कैडेट कोर पर राष्‍ट्र को उचित रूप से गर्व है। अपनी स्‍थापना के बाद से एनसीसी ने राष्‍ट्र निर्माण में और देश में सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देने में बहुत योगदान दिया है। एनसीसी ने विभिन्‍न पृष्‍ठभूमियों, धर्मों, संस्‍कृतियों और भाषाओं के लोगों को एक-साथ जोड़ा है और उनमें मानवीयता, देशभक्‍ति तथा नि:स्‍वार्थ सेवा के सांझे मूल्‍यों को जगाया है। इस प्रकार एनसीसी सही मायनों में विविधता में एकता के दर्शन-सिद्धांत का प्रतीक है, जो हमारी राष्‍ट्रीयता की नींव है।

अनेक अवसरों पर एनसीसी कैडेटो ने आपदा राहत कार्यों में अनुकरणीय साहस और वीरता का परिचय दिया है। इस वर्ष उत्‍तराखंड और ओडिशा में प्राकृतिक आपदाओं के बाद राहत कार्यों के दौरान एनसीसी ने शानदार भूमिका निभाई। हमारे कैडेटों ने प्रधानमंत्री राहत कोष में स्‍वेच्‍छा से 50 लाख रूपए का अंशदान करके औरों को रास्‍ता दिखाया। कृतज्ञ राष्‍ट्र उनकी सेवा और बलिदान की भावना की प्रशंसा करता है।

सामाजिक अधिकारिता एक और क्षेत्र है, जहां एनसीसी बहुत सक्रिय रही है। एड्स, कन्‍या भ्रूण हत्‍या और पर्यावरण सुरक्षा जैसे मुद्दों पर एनसीसी ने जो जागरूकता अभियान चलाए, हम उनकी बहुत कद्र करते हैं। ये प्रयास सराहनीय है और इन्‍हें जारी रखा जाना चाहिए।

राष्‍ट्रीय एकता के लिए जो मूल्‍य महत्‍वपूर्ण हैं, नेशनल कैडेट कोर उनका मूर्त रूप है। मैं सभी छात्रों और युवाओं से आग्रह करता हूं कि वे एनसीसी में शामिल हों और मैत्रीपूर्ण सौहार्द, साहसिक कार्यों तथा अनुशासन के जीवन का अनुभव प्राप्‍त करें। आगे आने वाले वर्षों में हमारे युवाओं के सामने जो जिम्‍मेदारियां आएंगी, उनके लिए प्रशिक्षण के वास्‍ते एनसीसी से बेहतर कोई जगह नहीं है।

मैं इस अवसर पर एनसीसी के छात्र कैडेटों को बधाई देना चाहता हूं, जिन्‍होंने अपने पहले माउंट एवरेस्‍ट अभियान में, दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचने में सफलता प्राप्‍त की। इसका श्रेय उनके मिलकर कार्य करने की भावना, नियोजन, क्षमता और कौशल को जाता है।

मैं इस अवसर पर युवा आदान-प्रदान कार्यक्रम के सिलसिले में यहां मित्र देशों से आए हुए युवा कैडेटों को भी बहुत शुभकामनाएं देता हूं। मुझे विश्‍वास है कि वे आजीवन मित्रता के संबंध कायम करेंगे और अपने साथ भारत प्रवास की मधुर यादों को लेकर जाएंगे। मुझे यह भी उम्‍मीद है कि वे बाद के वर्षों में भारत के मित्रों के रूप में यहां आते रहेंगे। प्रिय कैडेटो, हम बहुत तेजी से बदलते हुए और आपस में बहुत अधिक जुड़े हुए विश्‍व में रह रहे हैं। इसलिए यह बिल्‍कुल स्‍वाभाविक है कि हमारे युवाओं में समाज को बेहतर बनाने की उत्‍कट इच्‍छा है। आज के युवा न केवल सचेत हैं और अपने विचारों को स्‍पष्‍ट रूप से रखने को तैयार हैं, बल्‍कि हमारे राज्‍यतंत्र और समाज को इस प्रकार नया रूप देने में भागीदारी करने के लिए तैयार हैं, जो उनकी आकांक्षाओं की पूर्ति में सहायक हो। यह बहुत ही सकारात्‍मक परिवर्तन है। जागरूक और कार्यरत युवा एक ऐसी शक्‍ति है, जो वास्‍तव में हमारे समाज को बदल सकती है और इसे गरीबी, बीमारी, अल्‍प-विकास और अज्ञानता से छुटकारा दिलाने के लिए सक्षम बना सकती है। इसके लिए हमें महात्‍मा गांधी के कथन को याद रखना होगा- हम जो परिवर्तन देखना चाहते हैं, वह हमें अपने आप में लाना होगा।

प्रिय मित्रो, मेरे लिए व्‍यक्‍तिगत रूप से यह अवसर पिछले 10 वर्षों से वार्षिक रस्‍म की तरह रहा है। इससे मेरे मन में देश के प्रति, जिनको हम मानते हैं उन मूल्‍यों के प्रति, अपने सामने मौजूद युवाओं के प्रति जो कल की जिम्‍मेदारियों को उठाने के लिए तैयार हो रहे हैं और देश के भविष्‍य के प्रति फिर से मेरा विश्‍वास जागता है। हमारे युवाओं की ऊर्जा, जीवन शक्‍ति और उत्‍साह, जिनका आज प्रदर्शन हो रहा है, देश के भविष्‍य के बारे में विश्‍वास जगाते हैं। मैं आपसे केवल यही कह सकता हूं- आगे बढ़ो और अपने लिए, अपने माता-पिता के लिए और देश के लिए गौरव प्राप्‍त करो।

इन शब्‍दों के साथ मैं एक बार फिर आज के शानदार प्रदर्शन के लिए एनसीसी कैडेटों को बधाई देता हूं और उनके भविष्‍य के प्रयासों में उनकी सफलता की कामना करता हूं।

जय हिन्‍द।"