प्रधान मंत्री से मिलिए

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डॉ. मनमोहन सिंह
भारत के प्रधानमंत्री
निजी विवरण

भारत के चौदहवें प्रधान मंत्री, डॉ. मनमोहन सिंह एक विचारक और विद्वान माने जाते हैं। उन्हें उनके परिश्रम, कार्य के प्रति बौद्धिक सोच तथा मिलनसार और विनम्र व्यवहार के कारण अत्यधिक सम्मान दिया जाता है।

प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर, 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव "गाह" में हुआ था। डॉ. सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से अपनी मैट्रिकुलेशन परीक्षा उत्तीर्ण की। अपने शैक्षिक कैरियर के लिए वे पंजाब से यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज, ब्रिटेन गए, जहां उन्होंने 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी के साथ ऑनर्स डिग्री अर्जित की। इसके बाद डॉ. सिंह ने 1962 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डी. फिल की। उनकी पुस्तक "इंडियाज़ एक्सा पोर्ट ट्रेंड्स एण्ड प्रॉस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ" [क्लेरेंडन प्रेस, ऑक्सफोर्ड, 1964] भारत की आंतरिक व्यापार नीति की एक प्रारंभिक समालोचना थी।

डॉ. सिंह की शैक्षिक उपलब्धियां उस दौरान बढ़ीं जब वे पंजाब विश्वविद्यालय और प्रतिष्ठित दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के संकाय में रहे। इसी दौरान इन्होंने यूएनसीटीएडी सेक्रेटेरिएट में भी कुछ समय के लिए कार्य किया। उन्हें 1987 और 1990 के बीच जिनेवा में साउथ कमीशन के महासचिव के रूप में नियुक्त किया गया।

डॉ. सिंह 1971 में उस समय भारत सरकार में आए जब उन्हें वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद इन्हें 1972 में वित्त मंत्रालय में मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया। डॉ. सिंह ने अनेक सरकारी पदों पर कार्य किया है - जिनमें वित्त मंत्रालय में सचिव, योजना आयोग के उपाध्यक्ष, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, प्रधान मंत्री के सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के पद शामिल हैं।

स्वतंत्र भारत के आर्थिक इतिहास में बदलाव का दौर तब आया जब डॉ. सिंह ने 1991 से 1996 के बीच पांच वर्षों के लिए भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया। आर्थिक सुधारों की व्यापक नीति को आगे बढ़ाने में उनकी भूमिका की अब दुनियाभर में सराहना की जा रही है। भारत की उन दिनों की लोकप्रियता को डॉ. सिंह के व्यक्तित्व से जोड़ कर देखा जाता है।

डॉ. सिंह को उनके सार्वजनिक जीवन में अनेक पुरस्कारों और सम्मानों से नवाजा गया है, जिनमें भारत का दूसरा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान पद्म विभूषण (1987), जवाहरलाल नेहरू बर्थ सेंटेनरी अवार्ड ऑफ दि इंडियन साइंस कांग्रेस (1995), वर्ष के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए एशिया मनी अवॉर्ड (1993 और 1994), वर्ष के सर्वश्रेष्ठ वित्त मंत्री के लिए यूरो मनी अवॉर्ड (1993), कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी का एडम स्मिथ पुरस्कार (1956), और कैम्ब्रिज में सेंट जॉन्स कॉलेज में विशिष्ट कार्य-निष्पादन हेतु राइट्स प्राइज़ (1955) शामिल हैं। डॉ. सिंह को अनेक संगठनों ने भी सम्मानित किया है जिनमें जापानी निहोन किजाई शिंबुन शामिल है। डॉ. सिंह को कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटीज सहित कई विश्वविद्यालयों की ओर से मानद उपाधियां प्रदान की गई हैं।

डॉ. सिंह ने अनेक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने साइप्रस (1993) में राष्ट्रमंडल देशों के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक में और वियना में 1993 में आयोजित किए गए विश्व मानवाधिकार सम्मेलन में भारतीय शिष्टमंडलों का नेतृत्व किया है।

अपने राजनैतिक कॅरियर में, डॉ. सिंह 1991 से भारतीय संसद के उच्च सदन (राज्य सभा) के सदस्य रहे हैं। वहां वे 1998 और 2004 के बीच विपक्ष के नेता रहे। डॉ. मनमोहन सिंह ने 2004 के आम चुनावों के बाद 22 मई को प्रधान मंत्री पद की शपथ ली तथा 22 मई 2009 को दूसरे कार्यकाल के लिए पद की शपथ ली।

डॉ. सिंह और उनकी पत्नी श्रीमती गुरशरण कौर की तीन बेटियां हैं।
 

डॉ. मनमोहन सिंह
भारत के प्रधान मंत्री

शैक्षिक रिकार्ड

1962 डी.फिल, न्यूफील्ड कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय।

विषय:- इंडियाज एक्सपोर्ट ट्रेंडस एंड प्रोस्पेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ।

(क्लेरेंडन प्रेस, ऑक्सफोर्ड द्वारा प्रकाशित, 1964)

1957 इकोनॉमिक ट्रिपॉज (प्रथम श्रेणी में ऑनर्स), कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय

1954 एम.ए. अर्थशास्त्र, पंजाब विश्वविद्यालय – प्रथम श्रेणी और विश्वविद्यालय में पहला स्थान।

1952 बी.ए. अर्थशास्त्र (ऑनर्स) , पंजाब विश्वविद्यालय – द्वितीय श्रेणी तथा विश्वविद्यालय में पहला स्थान।

1950 इंटरमीडिएट, पंजाब विश्वविद्यालय – प्रथम श्रेणी और विश्वविद्यालय में पहला स्थान।

1948 मैट्रिक परीक्षा, पंजाब विश्वविद्यालय – प्रथम श्रेणी 

पुरस्कार एवं सम्मान

2000 यूनाइटेड वेस्टर्न बैंक लिमिटेड, सतारा, महाराष्ट्र द्वारा स्थापित डब्ल्यू.एल.जी अर्थात् अन्नासाहेब चिरमूले ट्रस्ट द्वारा अन्नासाहेब चिरमूले पुरस्कार से सम्मानित

1999 श्री आर वेंकटरमन, भारत के पूर्व राष्ट्रपति और सेन्टिनेरियन (शतवर्षीय) ट्रस्ट के संरक्षक से उत्कृष्टता के लिए एच.एच.कांची श्री परमाचार्य पुरस्कार।

1999 राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी, नई दिल्ली के अध्येता।

1997 तिलक स्मारक, पुणे द्वारा लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित।

1997 वर्ष 1996 के लिए जस्टिस के.एस.हेगडे फाउंडेशन पुरस्कार से सम्मानित ।

1997 निहॉन केईजई शिम्बुन (निक्केई), जापान के अग्रणी दैनिक व्यावसायिक समाचार पत्र के प्रकाशक द्वारा क्षेत्रीय विकास के लिए निक्केई एशिया पुरस्कार से सम्मानित

1996 दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविश्वविद्यालय, दिल्ली के मानद प्रोफेसर ।

1995 वर्ष 1994-95 के लिए भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ के जवाहरलाल नेहरु जन्म शताब्दी पुरस्कार से सम्मानित ।

1994 फाइनेंस मिनिस्टर ऑफ द इयर (वर्ष का वित्त मंत्री) के लिए एशिया मनी पुरस्कार ।

1994 लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, सेंटर फॉर एशिया इकोनामी पॉलिटक्स एंड सोसाइटी के निर्वाचित प्रतिष्ठित अध्येता ।

1994 न्यूफील्ड कॉलेज, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड, यू.के. के निर्वाचित मानद अध्येता ।

1994  अखिल भारतीय प्रबंधन एसोसिएशन के मानद अध्येता

1993 यूरोमनी पुरस्कार, वर्ष के वित्त मंत्री

1993 एशिया मनी पुरस्कार, वर्ष के वित्त मंत्री

1987 भारत के राष्ट्रपति द्वारा पदम विभूषण पुरस्कार से सम्मानित

1986 राष्ट्रीय शिक्षा संस्थान, एन.सी.ई.आर.टी के राष्ट्रीय अध्येता।

1985 भारतीय आर्थिक संघ के निर्वाचित अध्यक्ष।

1982 सेंट जॉन्स कॉलेज, कैम्ब्रिज में निर्वाचित मानद अध्येता ।

1982 भारतीय बैंकर्स संस्थान के निर्वाचित मानद अध्येता ।

1976 जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय, नई दिल्ली के मानद अध्येता

1957 यूनिवर्सिटी ऑफ. यू.के.के रेनबरी स्कॉलर के रुप में निर्वाचित

1955 विशिष्ट प्रदर्शन के लिए राइट्ज पुरस्कार से सम्मानित, सेंट जॉनस कॉलेज, कैम्ब्रिज, यू.के.

1956 एडम स्मिथ प्राइज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, यू.के. से सम्मानित ।

1954 एम.ए (अर्थशास्त्र), पंजाब विश्वविद्यालय, चंड़ीगढ़, में प्रथम आने पर उत्तर चंद कपूर पदक, पंजाब विश्वविद्यालय।

1952 बी.ए. ऑनर्स (अर्थशास्त्र), पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ में प्रथम आने पर विश्वविद्यालय पदक।

निम्नलिखित विश्वविद्यालयों से डी.लिट की मानद डिग्री प्राप्त की:

- पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़

- गुरु नानक विश्वविद्यालय, अमृतसर

- दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली

- श्री वेंकटेश्वर विश्वविद्यालय, तिरुपति

- बोलोग्ना विश्वविद्यालय, इटली

- मैसूर विश्वविद्यालय, मैसूर

- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार (विज्ञान वाचस्पति)

- कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय

- थापर इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, पटियाला (विज्ञान वाचस्पति)

- नागार्जुन विश्वविद्यालय, नागार्जुन नगर

- उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद

- रुड़की विश्वविद्यालय, रुड़की (सामाजिक विज्ञान वाचस्पति)

- एलबर्ट विश्वविद्यालय, एडमोंटन, कनाडा द्वारा विधि वाचस्पति

- डॉ. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय (पूर्व में आगरा विश्वविद्यालय)- डॉक्टर लैटर्स डिग्री

- इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स, धनबाद (डीम्ड विश्वविद्यालय) विज्ञान वाचस्पति (मानार्थ)

- पंडित रवि शंकर शुक्ला विश्वविद्यालय, रायपुर

कार्य अनुभव और धारित पद

22 मई, 2004 से अब तक: भारत के प्रधानमंत्री

21 मार्च, 1998 से 22 मई 2004: विपक्ष के नेता, राज्य सभा

भारत की संसद

जून 2001: छह वर्ष की अवधि के लिए राज्य सभा के सदस्य के रुप में पुन: निर्वाचित।

1 अगस्त,1996 से 4 दिसम्बर,1997:  अध्यय, संसदीय वाणिज्य स्थायी समिति, राज्य सभा।

21 जून,1991 से 15 मई,1996: भारत के वित्त मंत्री।

जून 1995: छह वर्ष की अवधि के लिए राज्य सभा के पुन: निर्वाचित सदस्य।

सितम्बर,1991: राज्य सभा के निर्वाचित सदस्य।

मार्च,1991 से जून 1991: अध्यक्ष, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग।

दिसम्बर, 1990 से मार्च 1991: आर्थिक मामलों पर भारत के प्रधानमंत्री के सलाहकार।

अगस्त 1987 से नवम्बर 1990: महा सचिव एवं आयुक्त, साउथ कमीशन।

जनवरी 1985 से जुलाई,1987: उपाध्यक्ष, भारतीय योजना आयोग।

सितंबर,1982 से जनवरी 1985: भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर।

अप्रैल,1980 से सितंबर,1982: सदस्य सचिव, योजना आयोग, भारत सरकार। 

नवंबर,1976 से अप्रैल 1980: सचिव, वित्त मंत्रालय, आर्थिक कार्य विभाग, भारत सरकार।

सदस्य (वित्त), परमाणु ऊर्जा आयोग, भारत सरकार।

सदस्य (वित्त), अंतरिक्ष आयोग, भारत सरकार।

1972 से 1976: मुख्य आर्थिक सलाहकार, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार।

1971 से 1972: आर्थिक सलाहकार, विदेश व्यापार मंत्रालय, भारत सरकार।

1969 से 1971: अंतरराष्ट्रीय व्यापार के प्रोफेसर, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स, दिल्ली विश्वविद्यालय, भारत
 
1966 से 1969: यू एन सी टी ए डी, संयुक्त राष्ट्र सचिवालय, न्यूयार्क चीफ, फाइनेंसिंग फॉर ट्रेड सेक्शन

1966: आर्थिक कार्य अधिकारी

1957 से 1965: पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़

1963 से 1965: अर्थशास्त्र के प्रोफेसर

1959 से 1963: अर्थशास्त्र मे रीडर

1957 से 1959: अर्थशास्त्र में वरिष्ठ व्याख्याता

अन्य समनुदेशन

राष्ट्रमंडल प्रमुखों की सरकारी बैठक साइप्रस में भारतीय प्रतिनिधि मंडल के नेता (1993)

मानव अधिकार विश्व सम्मेलन, वियना में भारतीय प्रतिनिधिमंडल के नेता (1993)

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और अंतरराष्ट्रीय पुनर्निर्माण तथा विकास बैंक के गवर्नर बोर्ड में भारत के गवर्नर (1991-95)

भारत के प्रधान मंत्री द्वारा प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य के  रुप में नियुक्त (1983-84)

अध्यक्ष, भारत-जापान की भारतीय समिति, संयुक्त अध्ययन समिति (1980-83)

निम्नलिखित भारतीय प्रतिनिधि मंडल के नेता:

भारत-सोवियत मॉनीटरन समूह की बैठक (1982)

भारत:-सोवियत संयुक्त योजना समूह बैठक (1980-82)

सहायता-भारतीय सहायता संघ की बैठकें (1977-79)

निम्नलिखित भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य:

साउथ-साउथ कंसल्टेशन, नई दिल्ली (1982)

दक्षिण-पश्चिम मुद्दों पर कैनकून शिखर सम्मेलन (1981)

सहायता – भारतीय सहायता संघ की बैठक, पेरिस (1973-79)

आई एम एफ, आई बी आर डी एवं राष्ट्रमंडल के वित्त मंत्रियों की वार्षिक बैठक (1972-79)

यू एन सी टी ए डी, सैंटियागो का तीसरा सत्र (अप्रैल-मई 1971 यू एन सी टी ए डी व्यापार एव विकास बोर्ड की बैठकें, जिनेवा (मई 1971-जुलाई 1972)

77 के समूह की अनुसचिवीय बैठक, लीमा (अक्तूबर,1971)

- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा सुधार पर 20 सदस्यों वाली आई एम एफ समिति में भारत के लिए डिप्टी

- एसोसिएट, आई एम एफ अंतरिम समिति और संयुक्त फंड बैंक विकास समिति की बैठकें (1976-80, 1982-85)

- भारत के वैकल्पिक गवर्नर, आई बी आर डी गवर्नर बोर्ड (1976-80)

- भारत के वैकल्पिक गवर्नर, आई एम एफ गवर्नर का बोर्ड (1982-85)

- भारत के वैकल्पिक गवर्नर, गवर्नर बोर्ड, एशियन डिवलपमेंट बैंक, मनीला (1976-80)

- निदेशक, भारतीय रिजर्व बैंक (1976-80)

- निदेशक, भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (1976-80)

- राष्ट्रमंडल प्रधानमंत्री बैठक, किंग्स्टन में भाग लिया (1975)।

- विभिन्न अंतर-सरकारी बैंठकों में यू एन सी टी ए डी के महासचिव के रुप में प्रतिनिधित्व इसमें निम्न शामिल है:-

यू एन सी टी ए डी का दूसरा सत्र,1968

कमिटी ऑन इनविजिवल्स एंड फिनानेंसिंग रिलेटिड टू ट्रेड,

यू एन सी टी ए डी सलाहकार, ई एस सी ए पी एवं राष्ट्रमंडल सचिवालय

सदस्य, अंतरराष्ट्रीय संगठन:

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव द्वारा विकास के लिए वित्त पोषण पर सलाह देने के लिए , प्रख्यात व्यक्तियों के समूह के सदस्य के रुप में नियुक्त (दिसंबर, 2000)

प्रकाशन

(i) “इंडियाज एक्सपोर्ट ट्रेंड्स एडं प्रोसपेक्ट्स फॉर सेल्फ सस्टेंड ग्रोथ” पुस्तक के लेखक (क्लेरेंडन प्रेस, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, 1964)

(ii) इकोनामिक जर्नल (आर्थिक पत्रिकाओं) में बड़ी संख्या में लेख प्रकाशित हुए।
 
पुत्र- श्री गुरमुख सिंह

जन्म- 26 सितम्बर, 1932

वर्ष 1958 में श्रीमती गुरशरण कौर से विवाह।

तीन पुत्रियां।