भाषण [वापस जाएं]

January 14, 2014
नई दिल्‍ली


प्रोफेसर सी. एन. आर. राव को सम्मानित करने के अवसर पर प्रधानमंत्री का भाषण

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज नई दिल्ली में प्रोफेसर सी. एन. आर. राव को सम्मानित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण का अनूदित पाठ इस प्रकार है:-

“मुझे भारतीय विज्ञान के अग्रणी प्रकांड विद्वान और वैज्ञानिक अन्वेषण के अनेक क्षेत्रों में विश्व में अग्रणी प्रोफेसर सी. एन. आर. राव को सम्मानित करने के अवसर पर इस वैज्ञानिक समूह के बीच आकर बहुत खुशी हो रही है।

प्रोफेसर राव हालात और बाधाओं पर बुद्धिमानी के साथ विजय के प्रतीक हैं। पांच दशक से अधिक समय से उन्होंने शोध एवं शिक्षण में कार्य किया और उत्कृष्टता हासिल की। उनकी उपलब्धियां शानदार हैं और उनका असर अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान पर भी पड़ा। हमारे देश में युवा पीढ़ी के लिए उन्हें जो बात इतनी प्रेरक बनाती है वह यह है कि उन्होंने यह सब भारत में संभव बनाया जो संसाधनों के अभावों, बुनियादी ढांचे की कमी, अवसरों एवं परिलब्धियों के अभाव की बाधाओं का पर्याय थीं।

प्रोफेसर राव ने दिखाया कि इन तमाम बाधाओं के बावजूद विश्व स्तरीय शोध भारतीय भूमि पर भी पूरा किया जा सकता है। उन्हें अथक रूप से भारत में विज्ञान की शिक्षा और सभी प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों की वृद्धि का मार्गदर्शन किया है। उन्होंने आइआइटी कानपुर में विश्व स्तरीय रसायन विभाग का निर्माण किया और उसे बढ़ावा दिया जिसने भारत को आधुनिक रसायन के अंतर्राष्ट्रीय मानचित्र में जगह दी। उन्होंने भारत के प्रमुख शोध संस्थान, बंगलौर में भारतीय विज्ञान संस्थान का जीर्णोद्धार किया और उसे बढ़ावा दिया। अब भी, वे बंगलौर में जवाहर लाल नेहरू उन्नत वैज्ञानिक शोध केंद्र में वैज्ञानिकों के जोशीले समूह को बढ़ावा देना और अत्याधुनिक सुविधाओं का सृजन जारी रखे हुए हैं। शोध एवं प्रशासन के अपने बेहद व्यस्त जीवन में भी वे अपने व्याख्यानों और पुस्तकों के साथ युवा भारतीयों को प्रेरित करने में सक्रिय बने हुए हैं।

प्रधानमंत्री की वैज्ञानिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष के रूप में प्रोफेसर राव ने भारत सरकार की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीतियों के मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। खुद मैंने भी उनके बुद्धिमान परामर्श से लाभ उठाया। मैं समावेश वं बराबरी के आधार पर स्थापित भारत के विकास एवं समृद्धि की दिशा में विज्ञान को बढ़ावा देने के अपने विजन को साझा करने के लिए उन्हें धन्यवाद देता हूं।

प्रोफेसर राव के लिए प्रशंसा कोई नई बात नहीं है। उनके शोध अपने आप में खुद ही सम्मान हैं और उनसे समाज को फायदा मिला है। उन्हें दुनिया के कुछ बेहद प्रतिष्ठित पदकों और पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है तथा भारत एवं विदेश में 60 से अधिक विश्वविद्यालयों ने उन्हें मानद डॉक्ट्रेट की उपाधि दी है।

भारत सरकार ने भी प्रोफेसर राव को पदम श्री और पदम विभूषण सहित अनेक पुरस्कार दिए हैं और उन्हें सम्मानित किया है। अब उन्हें भारत रत्न प्रदान करके, हम अपने समग्र राष्ट्रीय जीवन में उनकी विशाल एवं बहुत ऊंची मौजूदगी को तथा प्रगति के भारतीय पथ पर विज्ञान की भूमिका और प्रभाव के लिए भी सम्मानित कर रहे हैं। इस भावना के साथ उनका यह सम्मान, भारतीय विज्ञान के गुणगान न किए गए वीर के लिए राष्ट्र का सम्मान भी है।

मैं इस अवसर पर कामना करता हूं कि प्रोफेसर सी. एन. आर. राव अनेक वर्षों तक विज्ञान एवं शिक्षा के लिए उनका जुनून जारी रहे। और मैं वह प्रेरणा उपलब्ध कराने के लिए श्री राव को धन्यवाद देता हूं जिसने प्रोफेसर राव को विज्ञान की दुनिया में इतना उत्पादक, रचनात्मक और व्यक्ति बनाया। भगवान करे कि देश को आपके उत्कृष्ट गुणों से लाभ मिलता रहे।"