भाषण [वापस जाएं]

January 2, 2014
नई दिल्ली


मालदीव के राष्ट्रपति की भारत की राजकीय यात्रा के अवसर पर प्रधानमंत्री का मीडिया को दिया वक्तव्य

मुझे राष्ट्रपति अब्दुला यामीन की हमारे देश की पहली राजकीय यात्रा पर उनका स्वागत करते हुये अत्यन्त प्रसंनता हो रही है। पिछले वर्ष अगस्त में दिल्ली में मुझे उनकी आगवानी करने का अवसर मिला था और हम सम्मानित महसूस करते हैं कि मालदीव के राष्ट्रपति के रुप में अपनी पहली यात्रा के लिए उन्होंने भारत को चुना। मैं नव वर्ष की इससे अच्छी शुरुआत के बारे में नहीं सोच सकता कि वह बेहद घनिष्ठ और मित्र पड़ोसी के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के रुप में हमारे बीच हैं।

आज सबेरे अपनी बातचीत में मैंने चुनाव में राष्ट्रपति यामीन की जीत तथा मालदीव में लोकतंत्र को मजबूत करने वाले हाल के सफल और शान्तिपूर्ण चुनाव के लिए उन्हें बधाई दी। इस चुनाव ने शान्ति, स्थिरता तथा निरंतर आर्थिक और सामाजिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त किया।

दो घनिष्ठ पड़ोसी की तरह भारत तथा मालदीव की विकास आकांक्षाएं तथा सुरक्षा हित घनिष्ठ रुप से जुड़े हुये हैं। राष्ट्रपति यामीन और मैं इस पर सहमत हुये की दोनों देशों की समुद्री सुरक्षा तथा हिंद महासागर क्षेत्र में शान्ति, समृद्धि तथा सुरक्षा के लिए हमारा सहयोग अपरिहार्य है। हम आतंकवाद के खिलाफ सजग रहने की आवश्यकता के प्रति सचेत हैं और हम एक दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदी बने रहने तथा किसी अन्य द्वारा अपने भू-भाग का इस्तेमाल करने की अनुमति न देने के प्रति दृढ़ संकल्प साझा करते हैं।

हम प्रशिक्षण, उपकरण आपूर्ति, क्षमता निर्माण, संयुक्त गश्त तथा हवाई और समुद्री निगरानी के जरिए द्वीपक्षीय रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग को मजबूत बनाने संबंधी अनेक उपयों पर सहमत हुये हैं। हम श्रीलंका के साथ त्रिपक्षीय समुद्री सहयोग प्रगाढ़ बना रहे हैं और आशा करते हैं कि इसे हिंद महासागर के अन्य देशों तक बढ़ाया जाएगा। भारत अपनी साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने की अपनी सामूहिक क्षमता मजबूत बनाने में मालदीव को आगे सहायता तथा समर्थन देने के लिए तैयार है।

राष्ट्रपति यामीन और मैंने आर्थिक संबंधों के विस्तार के उपायों पर चर्चा की। हमारा द्वीपक्षीय व्यापार 700 करोड़ रुपये का है और संतुलन काफी हद तक भारत के पक्ष में है। मैं अपने द्वीपक्षीय व्यापार में और अधिक संतुलित विकास देखना चाहूंगा। हम निश्चित रुप से मालदीव में भारतीय पर्यटकों के प्रवाह को प्रोत्साहित कर ऐसा कर सकते हैं। मालदीव में भारतीय निवेश में वृद्धि से भी हमारे आर्थिक संबंधों का विस्तार होगा। मैंने इस संदर्भ में माले अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के मसले तथा हमारे निवेशकों की समस्याओं का समाधान शान्तिपूर्ण तरीके से करने का अनुरोध राष्ट्रपति यामीन से किया।

तात्कालिक उपायों के हिस्से के रुप में भारत मालदीव को भारत से आयात के लिए 25 मिलियन डालर की तैयार ऋण सुविधा दे रहा है। हम मालदीव में पेट्रोलियम उत्पादों की आवश्यकताओं को पूरा करने पर भी सहमत हुए और हमने अपनी एजेंसियों से यथासंभव बेहतरीन प्रबंध करने को कहा है। हम आगे भी शिक्षा तथा स्वास्थ्य सहित अन्य क्षेत्रों में अपनी विकास साझेदारी जारी रखेंगे।

दो घनिष्ठ पड़ोसियों के लाभ के लिए दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क की विशेषता स्वाभाविक आवागमन होनी चाहिए। हमारे हवाई संपर्क में सुधार हुआ है और हम अपनी वीजा व्यवस्था को उदार बनाने पर सहमत हैं, विशेषकर चिकित्सा के लिए मालदीव से भारत आने वाले लोगों के लिए।

हमने वैश्विक तथा क्षेत्रीय मंचों में सहयोग करने पर भी चर्चा की। हम दक्षिण एशिया क्षेत्रीय सहयोग संघ (सार्क) सदस्य के रूप में और अधिक समन्वित तथा एक-दूसरे से जुड़े दक्षिण एशिया के लिए काम जारी रखने पर सहमत हुए। विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी को लगातार समर्थन देने के लिए मैंने राष्ट्रपति यामीन के प्रति सराहना व्यक्त की।

निष्कर्ष में मैं यह कहना चाहूंगा कि भारत मालदीव में शान्ति, स्थायीत्व तथा प्रगति को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है। मुझे विश्वास है की राष्ट्रपति यामीन के योग्य नेतृत्व में मालदीव अपने नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा और क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर हमारे द्वीपक्षीय संबंधों में नया अध्याय जोड़ेगा।