भाषण [वापस जाएं]

November 20, 2013
नई दि‍ल्‍ली


वियतनाम की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के महासचिव के सम्‍मान में आयोजि‍त रात्रि‍भोज में प्रधानमंत्री का भाषण

वियतनाम की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के महासचिव के सम्‍मान में नई दि‍ल्‍ली में आयोजि‍त रात्रि‍भोज में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण का मूल पाठ इस प्रकार है:-

''महामहिम वि‍यतनाम की कम्‍युनि‍स्‍ट पार्टी के महासचिव की भारत की प्रथम राजकीय यात्रा के के अवसर पर आज रात उनका स्‍वागत करना मेरे लि‍ए अपार हर्ष की बात है। महामहि‍म, वर्ष 2010 में वि‍यतनाम की नेशनल असेम्‍बली के अध्‍यक्ष के तौर पर आपकी भारत यात्रा ने हमारे संबंधों को काफी गति‍प्रदान की थी। आज रात हम लोग एक बार फि‍र एक दोस्‍त और एक ऐसे महान देश के नेता होने के नाते आपका स्‍वागत करते हैं, जो भारतीयों के लि‍ए पीढ़ि‍यों से लचीलेपन, संकल्‍प और वीरता का प्रतीक है और जो अब एक गति‍शील क्षेत्र के केन्‍द्र में एक जोशपूर्ण अर्थव्‍यवस्‍था है। आपका नेतृत्‍व, महामहि‍म, सि‍र्फ वि‍यतनाम की प्रगति‍के लि‍ए ही नहीं, बल्‍कि‍हमारे क्षेत्र के स्‍थायि‍त्‍व और समृद्धि‍के लि‍ए भी महत्‍वपूर्ण है।

महामहि‍म, यदि ‍बोधगया हमारी साझा आध्‍यात्‍मि‍क धरोहर का प्रतीक है, तो वि‍यतनाम के माई सन में ऐति‍हासि‍क चाम स्‍मारक भी हमारे दोनों देशों की सभ्‍यताओं के सशक्‍त संपर्क का गवाह है। हमारे महान नेताओं, प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और राष्‍ट्रपति‍हो ची मि‍न्‍ह, ने एशि‍या से उपनि‍वेशवाद के हटने के मद्देनजर भागीदारी कायम की थी। उनके रि‍श्‍ते आपसी वि‍श्‍वास और आदर, भावनाओं पर आधारि‍त थे, जो आधुनि‍क युग में हमारे संबंधों के नि‍र्माण की दि‍शा में हमारे मार्गदर्शक रहे हैं।

आज, इस नयी सदी में, हमारी दोनों अर्थव्‍यवस्थाओं में नई गतिशीलता तथा महान सम्‍भावनाओं और अनेक चुनौतियों वाले एशिया के पुनर्जीवन के दौर में, हमारे संबंधों में पहले से कहीं ज्‍यादा वचनबद्धता की जरूरत हैं।

इसी वचन को नि‍भाने के लि‍ए छ: साल पहले हमारे दोनों देशों ने रणनीति‍क भागीदारी की एक नई यात्रा शुरू की थी। यह भागीदारी महान वि‍शेषता, वि‍वि‍धता और गहराई वाली है। हमारे राजनीति‍क संबंध और हमारे प्रगाढ होते रक्षा और सुरक्षा संबंध दोनों देशों के लि‍ए अत्‍यंत मूल्‍यवान हैं। समुद्री सुरक्षा सहि‍त हमारे साझा हि‍त क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मंचों पर रचनात्‍मक भागीदारी के रूप में अभि‍व्‍यक्‍त हुए हैं।

हमारे आर्थि‍क और ऊर्जा संबंध बढ़ रहे हैं। हम पूर्वी सागर में तेल खनन और उत्‍पादन की दि‍शा में मि‍लकर कार्य कर रहे हैं और खनन के लि‍ए नए ब्‍लॉक्‍स की आपकी पेशकश तथा भारतीय कंपनि‍यों को 1.8 अरब डॉलर की बि‍जली परि‍योजना सौंपना हमारे आर्थि‍क संबंधों के वादे को प्रदर्शि‍त करते हैं। भारत ने 1970 के दशक में वि‍यतनाम की चावल की खेती के परि‍वर्तन को समर्थन दि‍या था और, अब भारत में वि‍यतनाम का प्रथम वि‍देशी कैटफि‍श प्रजनन फार्म लगाया जाना क्षमता नि‍र्माण में मैत्री और आपसी समर्थन के वि‍शेष प्रतीक है, जि‍सके दायरे में अब सूचना-प्रौद्योगि‍की, शि‍क्षा एवं वि‍ज्ञान और प्रौद्योगि‍की जैसे क्षेत्र आते हैं।

महामहि‍म, वि‍यतनाम हमारी पूर्वोन्‍मुखी नीति‍का महत्‍वपूर्ण स्‍तंभ है और आसि‍यान के साथ भारत के एकीकरण के वि‍ज़न के लि‍ए महत्‍वपूर्ण हैं। भारत-वि‍यतनाम के रि‍श्‍ते जैसे-जैसे समृद्ध हो रहे हैं, भारत-आसि‍यान के रि‍श्‍ते भी वैसे ही प्रगाढ हो रहे हैं। एशि‍या के प्राचीन वि‍वेक के उत्‍तराधि‍कारी तथा युवाओं की ऊर्जा से समृद्ध होने के नाते एशि‍या प्रशांत में शांति, स्‍थायि‍त्‍व और समृद्धि‍को बढ़ावा देने की दि‍शा में भारत और वि‍यतनाम के साझा हि‍त, अपार उत्‍तरदायि‍त्‍व तथा व्‍यापक अवसर हैं।

काफी अरसा पहले वि‍यतनाम के एक भि‍क्षु ने कहा था, 'क्षण के भीतर हमारे एहसास से ज्‍यादा संभावनाएं होती हैं।' महामहि‍म आपकी यात्रा ने यह दर्शाया है कि‍हम अपने संबंधों को ज्‍यादा समृद्ध बनाने और अपनी जनता को करीब लाने की प्रत्‍येक संभावना और प्रत्‍येक लम्‍हे का इस्‍तेमाल कर रहें हैं। इन्‍हीं शब्‍दों के साथ, देवि‍यों और सज्‍जनों मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि ‍आप मेरे साथ कामना कीजि‍ए:-

1. वियतनाम की कम्‍युनिस्‍ट पार्टी के महासचिव महामहि‍म श्री न्‍गुयेन फू त्रोंग की अच्‍छी सेहत और खुशहाली की।

2. वि‍यतनाम की जनता की समृद्धि‍और खुशहाली की।

3. भारत और वि‍यतनाम की अमर दोस्‍ती की।"