भाषण [वापस जाएं]

November 8, 2013
नई दिल्ली


कुवैत के प्रधानमंत्री की भारत की सरकारी यात्रा के दौरान प्रीतिभोज पर प्रधानमंत्री का उद्बोधन

"मुझे आज रात महामहिम प्रधानमंत्री शैख जाबिर और कुवैती शिष्टमंडल के विशिष्ट सदस्यों को स्वागत करते हुए बहुत खुशी हो रही है।

महामहिम, मैं एक बार फिर आपको कुवैत का प्रधानमंत्री नियुक्त होने पर आपको बधाई देता हूं। इससे उस विश्वास और भरोसे का पता चलता है जो आपने पश्चिम एशिया और खाड़ी क्षेत्र के लिए चुनौतीपूर्ण समय में नेतृत्व और कुवैत की जनता को प्रेरित करने के लिए प्रकट किया।

महामहिम, प्राचीन काल से ही कुवैत भारत के साथ वाणिज्य, संस्कृति और धर्म के मामले में पश्चिम एशिया के साथ संपर्क का आंतरिक अंग रहा है। आज, हमारे संबंध हमारे लोगों के बीच सुकून और कल्याण की प्रगाढ़ भावना में निहित हैं। समान रूप से उसमें भारत के लिए गर्मजोशी और प्यार है जो मैंने कुवैत के नेतृत्व में देखा है और उससे हमारे संबंधों में विश्वास बढ़ा है। आपके देश में रह रहे 70 लाख भारतीय कुवैत और भारत के बीच जीवंत पुल हैं। वे अपना जीवन बना रहे हैं, घर पर अपने परिवारों की सहायता कर रहे हैं और कुवैत के बहुलवाद एवं प्रगति में योगदान कर रहे हैं।

दोस्तों, भारत और कुवैत सिर्फ मानव संपर्क की अनिवार्यता से ही आपस में नहीं जुड़े हैं। हमने बहुस्तरीय भागीदारी का भी निर्माण किया है जो हमारे महत्वपूर्ण हितों की पूर्ति करती है। अपने संबंधों को प्रगाढ़ बनाने के जरिए भारत और कुवैत अनेक चुनौतियों से भी ज्यादा कारगर ढंग से निपट सकते हैं जिनका सामना उन्हें अपने साझा पड़ोस में करना पड़ता है।

आज, हमने अपने ऊर्जा कारोबार को रणनीतिक भागीदारी में बदलने की संभावनाओं पर चर्चा की है। यह परपस्पर लाभप्रद शर्तों पर दीर्घावधि आपूर्ति व्यवस्था और भारत में अपस्ट्रीम और डाउनस्ट्रीम पेट्रोलियम एवं पेट्रोकैमिकल परियोजनाओं की स्थापना में सहयोग के जरिए किया जा सकता है। हमने भारत के बुनियादी ढांचा क्षेत्र में कुवैत का निवेश बढ़ाने के लिए उच्च स्तर की महत्वाकांक्षा भी प्रकट की है। इसके अतिरिक्त, कुवैत ने नई विकास योजना की महत्वाकांक्षा प्रकट की तो हम भी भारत से कुवैत में परियोजना निर्यात के लिए असीम संभावनाएं देखते हैं।

सुरक्षा सहयोग ने हमारे संबंधों में नए आयाम जोड़े हैं। इसका पता उस साझा दष्टिकोण से चलता है कि हम दोनों को प्रभावित करने वाले उग्रवाद और आतंकवाद से निपटने के लिए हमारा सहयोग अनिवार्य है।

महामहिम, जून 2006 में कुवैत के अमीर महामहिम शैख सबाह अल-अहमद अल-जाबिर अल-सबाह की ऐतिहासिक भारत यात्रा के दौरान, हमने 21वीं सदी में अपने संबंधों के लिए नई योजना बनाई थी। आपकी वर्तमान यात्रा ने हमारे सफर को और परवान चढ़ाया है। हम क्षेत्र में शांति कायम रखने में आपके योगदान की कद्र करते हैं और हमें उम्मीद है कि क्षेत्र की अनेक चुनौतियों के समाधान तलाशने में कुवैत का नेतृत्व आगे आएगा।

देवियों और सज्जनों,

इन शब्दों के साथ मैं आपको प्रीतिभोज में साथ देने के लिए आमंत्रित करता हूं:-

• महामहिम शैख जाबिर के अच्छे स्वास्थ्य और कल्याण के लिए,
• कुवैत की मैत्रीपूर्ण जनता की समृद्धि और खुशी के लिए, तथा
• भारत और कुवैत के बीच दोस्ती के अमिट बंधन के लिए।"