भाषण [वापस जाएं]

December 21, 2012
नई दिल्‍ली


आसियान कार रैली के समापन कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का संबोधन

आज नई दिल्‍ली में आसियान-भारत कार रैली के समापन कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री डॉक्‍टर मनमोहन सिंह के भाषण का अनूदित पाठ इस प्रकार है:-

"मैं एक अरब से भी अधिक जनता की ओर से आसियान-भारत कार रैली के प्रतिभागियों का स्‍वागत करते हुए शुरू करना चाहूंगा। 22 दिनों में आठ देशों की आठ हजार किलोमीटर की ऐतिहासिक यात्रा सफलतापूर्वक पूरी करने के लिए मैं उनको बधाई देता हूं। इस अदभूत साहस के लिए वे हमारी प्रशंसा के पात्र हैं।

मैं आसियान देशों से आए उन 250 छात्रों का स्‍वागत करता हूं, जिन्‍होंने आज सुबह इस कार्यक्रम में हिस्‍सा लिया। उनकी उपस्थिति से दिल्‍ली की दिसंबर की ठंड में विशेष गरमाहट आई। हमारे साथ आज कई अन्‍य विशिष्‍ट अतिथि शामिल हुए, जिसमें 50 आसियान राजनयिक जो दिल्‍ली स्थित हमारे विदेश संस्‍थान में प्रशिक्षण ले रहे हैं, 30 आसियान किसान जो यहां यात्रा पर आए हैं तथा तदोपरांत भारतीय किसानों की यात्रा का आयोजन करेंगे और इसमें 20 वरिष्‍ठ संपादक वैसे मीडिया से सम्‍बंधित हैं, जो आसियान से हैं। मैं उन सभी का स्‍वागत करता हूं। मैं आसियान देशों के उन कलाकारों का विशेष रूप से स्‍वागत करता हूं, जिनके गत रात आकर्षक प्रदर्शन ने उत्‍साह को और बढ़ाया और इससे हमारे सांस्‍कृतिक संबंधों में और प्रगाढ़ता आई।

यह कार्यक्रम वैसे प्रतीक और विषय से भरा है, जो साहसिक खेल से भी परे है। यह इस बात को उजागर करता है कि भारत और आसियान भूमि और जल के जरिए साझा सीमा और साझा संस्‍कृति के साथ एक पडोसी की तरह जुड़े है। यह पूर्व पीढ़ी के उन व्‍यापारियों, भिक्षुओं और साहसी लोगों के लिए एक श्रद्धांजलि है जिन्‍होंने भाग्‍य, ज्ञान और आध्‍यात्मिकता की खोज में इस मार्ग की यात्रा की। पिछले 3 सप्‍ताह के दौरान कार रैली में भारत और आसियान के बीच दोस्‍ती के इन प्राचीन संबंधों को फिर से जगाया है। इसने समकालीन समय के दौरान हमारे संबंधों के लिए प्राकृतिक रणनीतिक अनिर्वायता को भी उजागर किया है।

इस रैली के प्रतिभागियों के जरिए कंबोडिया के अंगकोर वाट, इंडोनेशिया के बोरोबुडुर, लाओ के वाट फु, थाइलैंड के सुखोथाई सहित अन्‍य दर्शनीय स्‍थानों में हमने उन आर्कषक उपलब्धियों को देखा है जो इन स्‍थानों में परिलक्षित हो रहे है। इस रैली से हमारे देश के लाखों लोगों को हमारे विरासत और प्रगति, हमारे शहर और प्राकृतिक स्‍थलों, हमारी समरूपता और संभावित सहक्रिया के साथ-साथ हमारी क्षमता और चुनौतियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिली है। इस रैली ने काफी स्‍पष्‍ट तरीके से भारत और आसियान के बीच अपने सभी आयामों के जरिए संपर्क को मजबूत करने के महत्‍व पर बल दिया है।

यह रैली आसियान-भारतीय समुदाय के उस दृष्टि का प्रतिक है जहां लोग, वस्‍तु, सेवाएं और विचार स्‍वतंत्र रूप से आवागमन कर सकते हैं। यह भारत से म्‍यामांर, लाओस, कंबोडिया, वियतनाम, थाइलैंड के बीच या तो सड़क के जरिए हो, या इंडोनेशिया, फिलिपिंस, ब्रुनेई, मलेशिया तथा सिंगापुर के बीच वायु या समुद्री मार्ग के जरिए हो, हमारा भविष्‍य संपर्क के बंधन पर निर्भर करेगा जो हम आने वाले वर्षों में निर्मित करेगें। यह ढांचागत बंधन डिजिटल संपर्क के जरिए मजबूत हो सकेगा जो हमारे युवा पीढ़ी को बेहतर नेटवर्क प्रदान करने में मदद करेगा। उसी प्रकार यह वेब संपर्क हमारे क्षेत्र में मौजूद वृहत आर्थिक क्षमता के दोहन, विकास को बढ़ाने के साथ-साथ सामरिक साझेदारी को मजबूत करने में मदद करेगा।

भारत में यह पूर्वोत्‍तर राज्‍यों के लिए अधिक लाभकारी होगा और मैं पूर्वोत्‍तर राज्‍यों में भारत-आसियान संबंधों से जुड़े यह संस्‍थाओं के स्‍थापना को बढ़ावा दूंगा।

हालांकि हम कार रैली उत्‍सव मना रहे है वहीं दूसरी ओर समुद्र में मित्रता की एक नई यात्रा शुरू हो रही हैं। भारतीय नौ-सेना पाल प्रशिक्षण जहाज आईएनएस सुदर्शीनी फिलहाल मनीला में है और यह अपने छ: महिने की 9 आसियान देशों की यात्रा पर है। यह केवल हमारे नजदीकता का ही प्रतिक नहीं है बल्कि यह हमारे साझा समुद्री हितों का भी प्रतिक है।

भारत-आसियान संबंध एक रोमांचक चरण में है पिछले दो दशकों के दौरान विभिन्‍न क्षेत्रों में हमारे संबंधों में व्‍यापक प्रगति देखी गई है। कल हमने अपने संबंधों को सामरिक साझेदारी की ओर बढ़ाने और सेवाओं तथा निवेश में मुक्‍त व्‍यापार समझौते पर वार्ता के संपन्‍न होने की घोषणा कर हमने एक नया आयाम बनाया है। मुझे विश्‍वास है कि यह समझौता एक परिवर्तनकारी समझौता होगा जैसा कि वस्‍तुओं पर है।

भारत-आसियान कार रैली के समापन कार्यक्रम के दौरान एकत्र हुए लोगों का मैं धन्‍यवाद करना चाहूंगा। मैं अपने सरकार के सहयेगियों और भारतीय उद्योग परिसंघ का इस ऐतिहासिक पहल के लिए प्रशंसा करना चाहूंगा। इस रैली को सफल बनाने में मैं आसियान के नेताओं के सक्रिय सहयोग और उनके सरकार द्वारा उपलब्‍ध करायी गयी सुविधाओं के लिए बहुत आभारी हूं। इस रैली का समापन करते हुए हम लोग घनिष्‍ठ सहयोग और गहरी सामरिक साझेदारी की और एक नई यात्रा की शुरूआत कर रहे है जो न केवल हमारे जनता को लाभान्वित करेगा बल्कि इससे क्षेत्र और विश्‍व में शांति प्रगति और समृद्धि भी आएंगी। इसमें कोई शक नहीं की हम सभी के लिए एक नया युग राह देख रहा है।

धन्‍यवाद।"