भाषण [वापस जाएं]

November 1, 2012
नई दिल्ली


मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रधानमंत्री का उद्घाटन भाषण

मंत्रिपरिषद की आज नई दिल्ली में आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के उद्घाटन भाषण का मूल पाठ इस प्रकार है:

"मेरे मंत्रिमंडल के सहयोगियों और केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों,

मैं पूर्ण मंत्रिपरिषद की इस बैठक में आप सबका स्वागत करता हूं। अभी हाल में किए गए फेरबदल के कारण कुछ नए सहयोगी मंत्रिपरिषद में शामिल किए गए हैं। इस बैठक में मुझे उनका स्वागत करने तथा अपनी सरकार के एजेंडे पर आप सबके साथ अपने कुछ विचारों का आदान-प्रदान करने का भी अवसर मिला है।

यूपीए सरकार अब अपने कार्यकाल के नौवें वर्ष में है। हमें इस बात पर गर्व होना चाहिए कि इस दौरान हमने सामाजिक और आर्थिक नीति बनाने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां अर्जित की हैं। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, हर नागरिक को सामाजिक सेवाएं प्रदान करने के लिए एक "आधार" संख्या उपलब्ध कराने हेतु भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण की स्थापना, ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन, जवाहर लाल नेहरू शहरी नवीकरण मिशन, कौशल विकास मिशन, सूचना का अधिकार और शिक्षा का अधिकार लागू करने के लिए विधेयक लाना, जैसी कुछ प्रमुख पहल हैं, जो समग्र विकास के मूलभूत उद्देश्य को प्राप्त करने के क्रम में यूपीए सरकार के काम के कुछ उदाहरण मात्र हैं।

अपने अधिकांश समय के दौरान हमने स्थिर और मजबूत आर्थिक विकास अर्जित किया है, जिसने स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, कृषि और ग्रामीण विकास तथा अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हमारे प्रयासों को समर्थन देने के लिए बढ़ते हुए सामाजिक क्षेत्र में आवश्यक व्यय को संभव बनाया है।

अपनी सफलताओं पर न्यायोचित गर्व करते हुए हमारे लिए महत्वपूर्ण है कि हम इस बात को भी समझें कि हम विश्व में व्याप्त कठिन आर्थिक स्थितियों का भी सामना कर रहे हैं। इस कारण हमारे विकास में गिरावट आई है, हमारा निर्यात कम हो गया है और हमारा वित्तीय घाटा बढ़ता जा रहा है। हमारी मुख्य चिंता बढ़ता हुआ वित्तीय घाटा है जो हमारे घरेलू और विदेशी निवेश के लिए एक निवारक के रूप में कार्य करता है। ये मुद्दे हमारी अर्थव्यवस्था तथा यहां प्रतिनिधित्व कर रहे अनेक विभागों पर प्रभाव डालते हैं। हमारे सामने मौजूद वृहद-आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए मैंने वित्त मंत्री श्री पी. चिदंबरम से अनुरोध किया है कि वे हमारे साथ आर्थिक स्थिति का साझा मूल्यांकन करें। मेरा अपना विचार है कि हमें अपनी संभावनाओं के बारे में अनावश्यक रूप से उदास होने की जरूरत नहीं है। हमें अपने सामने मौजूद चुनौतियों का सामना करने और शासन के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए अपने प्रयास दोगुने करने की निश्चित रूप से आवश्यकता है।

हमारे एजेंडे में एक महत्वपूर्ण शीर्ष क्षेत्र "बुनियादी ढांचा" है, जिसके लिए विशेष ध्यान देने और सरकार में कई स्तरों पर प्रयास करने की आवश्यकता है। बारहवीं योजना के दौरान, हमने बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश के लिए लगभग एक खरब डॉलर जुटाने का लक्ष्य रखा है। ऐसा करने के लिए हमें ऐसे अवरोधों को दूर करना होगा जो वर्तमान में इस निवेश को रोक रहे हैं या धीमा कर रहे हैं। इनमें ईंधन आपूर्ति व्यवस्था, सुरक्षा और पर्यावरण मंजूरी एवं वित्त पोषण संबंधी कठिनाइयों जैसे अवरोध प्रमुख हैं। ऊर्जा की मांग और आपूर्ति के बीच बढ़ता हुआ अंतर हमारे विकास में एक प्रमुख बाधा के रूप में उभरा है। यह हमारे भुगतान संतुलन के साथ-साथ वित्तीय घाटे के चालू खाते में घाटे को बढ़ाने वाला एक प्रमुख कारक है। यह जरूरी है कि हम इन मुद्दों पर एक आम सहमति बनाएं तथा ऐसी व्यवस्था बनाएं और उपचारी कदम उठाएं जिनसे हम इन महत्वपूर्ण खामियों से प्राथमिकता के आधार पर निपटने में सक्षम हो जाएं।

मित्रों, मेरा यह दृढ़ विश्वास है कि भारत का भविष्य उज्जवल है। हमने अपने लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं हम उन्हें प्राप्त कर सकते हैं, बशर्ते कि हम साहस और विश्वास के साथ अपना कार्य करें। मैं जानता हूं कि हम राजनीतिक परिदृश्य के विरुद्ध काम कर रहे हैं लेकिन हमें इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि हम राष्ट्र-निर्माण के कार्य में भी लगे हुए हैं। इसलिए हमारी वचनबद्धता और जिम्मेदारियों को अन्य बातों से श्रेष्ठ होना चाहिए। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे सामने जो समय उपलब्ध है उसमें हम सब सामने मौजूद अधूरे कार्यों को पूरा करने के लिए अपने बेहतर प्रयास करेंगे और हमने जो लक्ष्य निर्धारित किए हैं उन्हें अर्जित करने के लिए अपना पूरा सहयोग सरकार में मौजूद अपने सभी सहयोगियों को प्रदान करेंगे।

इसके अलावा, अनेक ऊर्जावान और युवा सहयोगियों को मंत्रिपरिषद में शामिल किया गया है। मैं अपने वरिष्ठ मंत्रिमंडलीय सहयोगियों से यह अनुरोध करता हूं कि वे अपने राज्य मंत्रियों को महत्वपूर्ण कार्य सौंपकर उनकी क्षमताओं का पूरा उपयोग करें।

मैं आप सबको धन्यवाद देता हूं और अब वित्त मंत्री को अपने विचार हम सबके साथ साझा करने के लिए आमंत्रित करता हूं।"