भाषण [वापस जाएं]

September 3, 2012
नई दिल्‍ली


तजाकिस्तान के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद प्रधानमंत्री का मीडिया को वक्तव्य

प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने तजाकिस्तान के राष्ट्रपति के साथ हुई प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद मीडिया को एक वक्तव्य जारी किया। उनके वक्तव्य के मूल पाठ का हिंदी रूपांतरण निम्न प्रकार से है-

मुझे तजाकिस्तान के राष्ट्रपति महामहिम श्री इमोमली रहमान की भारत की पांचवीं राजकीय यात्रा पर उनका स्वागत करते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।

तजाकिस्तान आगामी नौ सितम्बर को अपनी आजादी की 21वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। इस अवसर पर मैं तजाकिस्तान के लोगों को अपनी शुभकामनाएं देता हूं और राष्ट्रपति रहमान को बधाई देता हूं जिन्होंने पिछले दो दशकों से अपने देश के भाग्य का सूझबूझ के साथ मार्गदर्शन किया है।

तजाकिस्तान मध्य एशिया क्षेत्र में भारत का एक मुख्य भागीदार है। हमने हाल ही में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के दो दशक मनाए हैं। राष्ट्रपति रहमान और मैं इस बात पर सहमत हुए कि हमारे द्विपक्षीय संबंधों, खासकर रक्षा और सुरक्षा सहयोग के क्षेत्र में हुई अत्यधिक प्रगति को देखते हुए अपने संबंधों को सामरिक भागीदारी के स्तर तक उठाया जाए।

राष्ट्रपति रहमान और मैं अपने व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने की आवश्यकता पर भी सहमत हुए हैं। मैंने राष्ट्रपति रहमान को अपनी इस आकांक्षा से अवगत कराया कि हम चाहते हैं कि तजाकिस्तान विश्व व्यापार संगठन में शामिल हो जिससे हमारे द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने में मदद मिले। हमने तजाकिस्तान में मुक्त आर्थिक क्षेत्रों में निवेश के अवसरों पर भी चर्चा की। हमें आशा है कि इन क्षेत्रों में निवेश के अवसरों का पता लगाने के लिए निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के सदस्यों का एक शिष्टमंडल भेजा जाएगा। सूचना प्रोद्यौगिकी, ई-संबद्धता, भेषज, जैव प्रोद्यौगिकी, वस्त्र, चमड़े का सामान, खनन और अक्षय ऊर्जा कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें निवेश की अधिक संभावना है।

भारत ने विकास संबंधी भागीदारी को बढ़ाने के लिए तजाकिस्तान में कई विकास परियोजनाएं शुरू करने की पेशकश की है। इनमें सूचना प्रोद्यौगिकी की श्रेष्ठता का केंद्र स्थापित करना, टेली-शिक्षा और टेली-औषधि सहित ई-नेटवर्क, चिकित्सा केंद्रों, भाषाई प्रयोगशालाएं, फल और सब्जी प्रसंस्करण संयंत्र और उद्यमता विकास संस्थान के साथ-साथ कृषिगत मशीनरी की आपूर्ति शामिल है। हमने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग प्रशिक्षण कार्यक्रम के अधीन प्रशिक्षण की सीटें 100 से बढ़ाकर 150 प्रतिवर्ष करने का भी निर्णय लिया है।

हमारे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और जन-संबंध शताब्दियों पुराने हैं। संस्कृति और शिक्षा के क्षेत्र में आज हुए समझौतों से इस प्रकार के संबंधों के नवीनीकरण में सहायता मिलेगी।

ताजिक एयर द्वारा नई दिल्ली और दुशाम्बे के बीच सीधे हवाई संपर्क की शुरुआत एक स्वागतयोग्य कदम है तथापि, भूतल संबंधों का न होना हमारे दोनों देशों के बीच संबंधों के तेजी से बढ़ने में बाधा बना हुआ है। हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि क्षेत्र के अन्य देशों के सहयोग से रेल लाइन बिछाने सहित परिवहन गलियारा स्थापित करने की संभावना का पता लगाया जाएगा।

भारत और तजाकिस्तान की क्षेत्रीय विकास संबंधी चिंताएं सामान्य हैं। राष्ट्रपति रहमान और मैंने मध्य एशियाई क्षेत्र और उससे आगे खासकर अफगानिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति पर विचारों का आदान-प्रदान किया। हम आतंकवाद विरोधी अपने सहयोग को बढ़ाने पर भी सहमत हुए हैं।