भाषण [वापस जाएं]

January 31, 2012
नई दिल्ली


एमओयू एवं स्कोप पुरस्कार समारोह में प्रधानमंत्री का उद्बोधन

एमओयू एवं स्कोप पुरस्कार समारोह हम सबके लिए अपने श्रेष्ठ कार्यनिष्पादन करने वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की उपलब्धियों का सम्मान एवं प्रशंसा करने का अवसर है। यह स्वतंत्रता से बाद से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में हमारे सार्वजनिक क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार करने का भी अवसर है। प्रधानमंत्री के रूप में पांचवी बार इस समारोह में आने पर मुझे बहुत खुशी हो रही है। मैं असाधारण कार्यनिष्पादन के लिए पुरस्कार जीतने वाले केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बधाई देता हूं तथा मुझे विनम्रतापूर्वक आशा है कि आने वाले समय में वे और बेहतरीन काम करेंगे। उनके द्वारा स्थापित उच्च मानकों से निश्चित रूप से सार्वजनिक क्षेत्र के अन्य उपक्रमों को भारतीय जनता की सेवा में ज्यादा प्रभावशाली एवं फलदायी ढंग से काम करने की प्रेरणा मिलेगी।

केद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हमारी आज़ादी से ही राष्ट्रीय आर्थिक गतिविधियों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। 1947 के बाद बुनियादी वर्षों में हमारी अर्थव्यवस्था के औद्योगीकरण की जिम्मेदारी में उन्होंने बहुत बड़ा हिस्सा संभाला और वे आज भी राष्ट्र निर्माण की प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण बने हुए हैं।

केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की संख्या पहली पंच वर्षीय योजना के समय 5 थी लेकिन आज वह बढ़कर 250 हो गई है। उनमें भारत में सबसे बड़े सकल कारोबार वाली इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम, सबसे बड़ी पब्लिक यूटिलिटी कंपनी राष्ट्रीय पन बिजली निगम और सबसे ज्यादा बाज़ार पूंजीकरण वाली कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड शामिल है। इनमें से कुछ कंपनियां विश्व की 500 सबसे बड़ी कपंनियों में शामिल हैं।

हमारी सरकार देश में सार्वजनिक क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। हमारा नजरिया स्पष्ट है कि हमारी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था की मांग पूरी करने के लिए सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्रों को मिलकर और एक दूसरे के पूरक के रूप में काम करने की जरूरत है। हमारे देश को सार्वजनिक एवं निजी खासतौर से ढांचागत क्षेत्र में भारी मात्रा में निवेश की जरूरत है। खासतौर पर ऐसे समय सार्वजनिक निवेश की जरूरत है जब देश मुश्किल वैश्विक माहौल का सामना कर रहा है तथा विविधतापूर्ण घरेलू वृद्धि की उम्मीद कर रहा है। मुझे यह जानकर बेहद खुशी हुई कि हमारे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बडे़ 17 उपक्रम आगामी वर्ष में 140000 करोड़ रुपये की राशि की निवेश योजनाओं के लिए प्रतिबद्ध हैं। मैं केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की बाकी इकाइयां भी इसी तरह पूंजीगत निवेशों को बढ़ाने पर ध्यान देने के लिए प्रोत्साहित होंगी। ये प्रयास उचित रूप से परावर्तित होने चाहिए तथा एमओयू के जरिए इनका परिणाम मिलना चाहिए। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में निवेश मुख्य रूप से विनिर्माण, खनन, बिजली एवं सेवाओं में केंद्रित है। सार्वजनिक उद्यम सर्वेक्षण (2009-10) के अनुसार विनिर्माण एवं खनन क्षेत्र दोनों का सकल कारोबार पिछले वर्ष के मुकाबले 2009-10 में कम हुआ है। इससे उस मुश्किल आर्थिक माहौल का पता चलता है जिसका हम सामना किया है। इन मुश्किलों के बावजूद हमें खनन में] विशेष रूप से कोयले , पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस के उत्पादन में अपना कार्यनिष्पादन सुधारना चाहिए। विदेशों में कच्चे माल का अर्जन करने की नीति को हाल ही में मंत्रिमंडल ने अनुमति दे दी है। मैं केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, खासतौर पर खनन के क्षेत्र की इकाइयों से अनुरोध करना चाहूंगा कि उन्होंने गंभीरतापूर्वक ऐसे अर्जन के अवसर तलाशने चाहिए।

हमें विनिर्माण क्षेत्र में भी ज्यादा बेहतर कार्य करने की जरूरत है। हमें अपनी जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में विनिर्माण क्षेत्र के हिस्से को वर्तमान 15 प्रतिशत के असंतोषजनक स्तर से बढ़ाना चाहिए। केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों की मशीन टूल्स, भारी परिवहन, अर्थ मूविंग एवं खनन उपकरण, जहाज निर्माण, रक्षा उपकरण, ऐरोस्पेस, बिजली के भारी उपकरण और परमाणु बिजली बनाने जैसे क्षेत्रों में महत्वूपर्ण मौजूदगी है। मैं इन क्षेत्रों में केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से आग्रह करना चाहूंगा कि वे विनिर्माण क्षेत्र में 12 से 14 प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य हासिल करने के लिए महत्वाकांक्षी विस्तार योजनाएं शुरू करें।

हमारी सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उन उपक्रमों की सहायता करती रही है जिन्हें फिर से वहनीय बनने के लिए सहायता की जरूरत होती है। सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम पुनर्संरचना कार्यालय दिसंबर 2004 में बनाया गया था तथा तब से केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के 43 उपक्रमों के जीर्णोद्धार के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया है। हम सबके लिए यह संतुष्टि का मामला है कि उनमें से केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के 24 उपक्रम मुनाफा कमाने लगे हैं तथा 13 में क्रांतिकारी बदलाव हो चुका है और इसलिए वे तीन या अधिक वर्ष से निरंतर मुनाफा कमा रहे हैं। मुझे खुशी है कि सार्वजनिक उद्यम विभाग एवं स्कोप दोनों ने क्रमशः श्रेष्ठ टर्नअराउंड कंपनी के लिए एमओयू उत्कृष्टता पुरस्कार और टर्नअराउंड श्रेणी में स्कोप गोल्ड ट्राफी के जरिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के इन उपक्रमों के प्रयासों का सम्मान किया है।

तेजी से बदलाव के इस दौर में प्रतिस्पर्द्धा में टिके रहने के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को कॉर्पोरेट सुशासन, रणनीतिक नियोजन, नवाचार, अनुसंधान एवं विकास तथा गुणवत्ता नियंत्रण पर ज्यादा ध्यान देने पर ध्यान देने की जरूरत है। उन्हें कार्य करने के लिए अपेक्षित स्वायत्तता होनी चाहिए। मुझे खुशी है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और स्कोप दोनों ही कॉर्पोरेट क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रबंधकीय परिपाटियों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए कार्यशालाएं एवं सेमिनार आयोजित करते रहे हैं। सरकार समय-समय पर केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों की कार्यप्रणाली में सुधार की आवश्यकता पर भी ध्यान दे रही है। एमओयू प्रणाली की शुरुवात ऐसे ही परीक्षण का परिणाम है। इसके बाद ज्यादा वित्तीय अधिकार देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ विशेष उपक्रमों को नवरत्न और महारत्न का दर्जा दिया गया। लेकिन हम यथास्थिति से संतुष्ट नहीं हो सकते। हमारी सरकार वह सब करेगी जो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को ज्यादा सशक्त और जयादा प्रतिस्पर्द्धी बनाने के लिए जरूरी है।

इन शब्दांs के साथ ही मैं आज के पुरस्कार विजेताओं को एक बार फिर बधाई देकर और श्रेष्ठ भवष्यि के लिए केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को शुभकामनाएं देकर अपनी बात समाप्त करता हूं।