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सुनामी के बाद भारत द्वारा किए गए कार्यों की प्रधानमंत्री द्वारा समीक्षा

24 दिसंबर, 2005

नई दिल्ली 

सुनामी त्रासदी के एक वर्ष पूरा होने की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह ने सुनामी के बाद भारत के कार्यों का आकलन करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की| जरूरी सहायता उपलब्ध कराने, पुनर्वास सुनिश्चित करने और पुनर्निर्माण को सरल बनाने के लिए किए गए कार्यों पर ब्यौरेवार प्रस्तुति दी गई| प्रधानमंत्री ने पुनर्वास कार्यों का आकलन करने के लिए सुनामी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने की इच्छा व्यक्त की| आशा है कि निकट भविष्य में वे अंडमान निकोबार द्वीपसमूह का दौरा करेंगे|

प्रधानमंत्री को निम्नलिखित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई-

सुनामी आपदा- पानी के अंदर प्रचंड भूकंप से ऐसी घातक तरंगे उठीं जिससे अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, तमिलनाडु, पुद्दुचेरी, आंध्र प्रदेश और केरल के 1000 से अधिक तटवर्ती गांवों में रह रहे 27 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए| इससे मछुआरों को सबसे अधिक नुकसान हुआ| 80,000 से अधिक मछली पकड़ने वाली नौकाएं नष्ट हो गईं| एक बड़े क्षेत्र की भूमि लवणयुक्त हो गई| बुनियादी सुविधाओं की भारी क्षति हुई| एक आकलन के अनुसार 11,500 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ| घाट, बंदरगाह, सड़क, विद्युत और संचार प्रणाली बुरी तरह प्रभावित हुई| पड़ोसी देशों में भी भारी क्षति हुई|

 राष्ट्रीय संकट प्रबंधन केन्द्र और भारत सरकार द्वरा किए गए समन्वित कार्य-

भारत सरकार/ राज्य सरकार, गैर-सरकारी संगठनों, सिविल सोसाइटी द्वारा तत्काल राहत और बचाव कार्य

40 समुद्री जहाज, 34 विमान, 42 हेलीकॉप्टर और लगभग 21000 कार्मिकों को राहत एवं बचाव कार्य में लगाया गया | 28,734 लोगों को बचाया गया, 6.5 लाख लोगों को 930 राहत शिविरों में पहुंचाया गया| फंसे हुए पर्यटकों को ले जाने के लिए पोर्ट ब्लेयर से विशेष उड़ानें शुरू की गईं| 1639 चिकित्सा दलों को इस कार्य में लगाया गया| तत्काल राहत एवं बचाव कार्य पर 700 करोड़ रु. खर्च हुए| भारतीय वायु सेना द्वारा विमान से भारी मात्रा में राहत सामग्री पहुंचाई गई (9000 मीटरी टन राहत सामग्री)

 

 

छोटे द्वीपों और आदिवासियों (शाम्पेन, लिटिल अंडेमानी, सेंटिनलीज) पर विशेष ध्यान दिया गया|

 

राजीव गांधी पुनर्वास पैकेज के तहत मछुआरों, नौकाओं, जाल (नेट), आवास, अनाथों, विधवाओं, अशक्त और अविवाहित बालिकाओं को लिए 3644 करोड़ रु. की राशि खर्च की गई|

 

वर्ष 2005 के मानसून से पहले 39,171 अस्थायी आवास स्थल बनाए गए| अंडमान निकोबार द्वीपसमूह में विशेष प्रयास किए गए| (लगभग 10,000 आवास स्थल का निर्माण )

 

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में से मृतक के निकट संबंधी को 1 लाख रु. सहायता राशि मंजूर की गई| राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों को विशेष मंजूरी दी गई|

 

व्यापक स्तर पर गैर-सरकारी संगठनों/सिविल सोसाइटी ने इस कार्य में मदद की| लगभग 1000 करोड़ रु.प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में अंशदान दिया गया| लगभग सभी राज्यों ने कार्मिकों, धनराशि और सामग्री के रूप में सहयोग किया|

पुनर्वास

इसने मानवीय जन कार्यों का आदर्श प्रस्तुत किया । दीर्घावधि तक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया गया| पत्तन, घाट, पर्यावरणीय एवं तटवर्ती सुरक्षा, सड़क और पुल निर्माण के लिए मंत्रिमंडल ने 9800 करोड़ रु. के पैकेज का अनुमोदन किया| इसे 4 वर्षों में कार्यान्वित किया  जाना था| 1.7 लाख लोगों के लिए घर बनाने, लवणयुक्त भूमि को उपजाऊ बनाने, मत्स्य उद्योग को विकसित करने और सामाजिक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का कार्य किया गया|

भारत के पड़ोसी देशों को दी गई सहायता

क)     श्रीलंका को 100 करोड़ रु., 7 नौसेना के जहाज, एक चिकित्सालय पोत, सैन्य चिकित्सालय और अन्य मदद दी गई|

 

ख)    मालदीव को 5 करोड़ रु., 50 सॉर्टी, थाईलैंड को 50,000 अमरीकी डॉलर और इंडोनेशिया को 3 मिलियन अमरीकी डॉलर की सहायता दी गई| ऑपरेशन गंभीर के तहत विभिन्न कार्य किए गए|

प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष के तहत मुख्य प्रयास

बच्चों को छात्रवृत्ति

 

अनाथ बच्चों और ऐसे बच्चों के लिए विशेष सहायता, जिनके माता या पिता नहीं हैं|

 

मनो-सामाजिक सहयोग

 

सामान्य स्वास्थ्य बीमा

 

विशेष प्रयास- कार निकोबार में स्टेडियम, विवाह हेतु सहायता, विशेष जांच, वृद्धाश्रम, अशक्त लोगों के लिए साधन, अत्याधुनिक सुनामी चेतावनी सिस्टम लगाया गया|

सुनामी प्रभावित राज्यों/ संघ राज्य क्षेत्रों में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से निधि प्राप्त पुनर्वास परियोजनाएं

सुनामी प्रभावित राज्यों जैसे केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और संघ राज्य क्षेत्रों जैसे अंडमान निकोबार द्वीपसमूह और पुद्दुचेरी की सरकारों और इन राज्यों में सक्रिय प्रमुख गैर-सरकारी संगठनों के साथ विस्तृत परामर्श करने के बाद इन राज्यों के लिए कई स्कीम शुरू की गईं जैसे अनुग्रह राहत, बच्चों को छात्रवृत्ति, मनो-सामाजिक सहायता उपाय, मछुआरों को पूंजीगत सहायता और सामान्य स्वास्थ्य बीमा| यह प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष  से  अब तक  किए गए कार्यों में से सबसे बड़ा राहत कार्य है| इसमें 10 वर्ष की अवधि के लिए कुल 900 करोड़ रु. का व्यय शामिल है| प्रथम तीन वर्षों के लिए कुल 500 करोड़ रु. आबंटित किए गए| इस स्कीम से संबंधित कार्य के समन्वय के लिए प्रभावित राज्यों/संघ राज्यक्षेत्रों के मुख्य सचिव को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया|

स्कीम का संक्षिप्त ब्यौरा

· प्रधानमंत्री की बाल सहायता स्कीम

इस स्कीम के तहत प्रत्येक बच्चे के नाम 51,000 रु. की सावधि जमा की जाएगी, जिसमें ब्याज के रूप में प्रति माह आय अर्जित करने का विकल्प हो होगा| बच्चे की आयु 18 वर्ष होने पर सावधि जमा परिपक्व हो जाएगी | 18 वर्ष की आयु होने पर बच्चे को आगे पढ़ने के लिए अथवा स्व-रोजगार के लिए पूरी धनराशि दी जाएगी| राज्य सरकार और पंचायतें लाभार्थियों का पता लगाने के लिए जिम्मेदार होंगी|

· सुनामी से प्रभावित बच्चों के लिए प्रधानमंत्री की छात्रवृत्ति स्कीम

यह स्कीम उन बच्चों को लाभ पहुंचाने के लिए है जिनके परिवार में सुनामी से किसी सदस्य की मृत्यु हुई हो अथवा आजीविका के साधन नष्ट हो गए हों (जैसे नौका आदि का नष्ट होना)| ऐसे बच्चों को स्कूल में पढ़ाई का खर्च अदा करने के लिए प्रति माह 300 रु. की दर से सहायता दी जाएगी| यह सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक लाभार्थी के नाम बैंक में खाता खोलकर बच्चों को दी जाएगी| इस स्कीम के तहत प्रत्येक बच्चे को कक्षा X तक पढ़ने के लिए सहायता दी जाएगी और उसके बाद यह सहायता बंद कर दी जाएगी| यह स्कीम 10 वर्षों तक चालू रहेगी|

· मनो-सामाजिक सहायता

इस स्कीम में सामाजिक बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक विकास के लिए सहायता दी गई| इसके तहत अंडमान निकोबार द्वीपसमूह और केरल में वृद्धाश्रम, कार निकोबार में खेलकूद परिसर, तमिलनाडु में ट्रॉमा केयर सेंटर, अंडमान में अशक्त युवाओं के लिए पुनर्वास केंद्र एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र/चिकित्सा शिविर तथा केरल में परामर्श सहायता/कैरियर मार्गदर्शन केन्द्र खोलना शामिल है| इन सभी मामलों में राज्य सरकारों को यह सलाह दी गई है कि वे इनके संचालन और रख-रखाव की उचित व्यवस्था करें और यदि अपेक्षित हो तो, गैर-सरकारी संगठनों /सिविल सोसाइटी का सहयोग लें|

· सामान्य स्वास्थ्य बीमा स्कीम

सुनामी से प्रभावित परिवारों को स्वास्थ्य बीमा कवर प्रदान करने के लिए तीन वर्ष तक एक स्कीम चलाए जाने का निर्णय लिया गया| इस स्कीम में परिवार के पांच सदस्यों परिवार के मुखिया, पति/पत्नी और तीन आश्रित बच्चों को शामिल किया जाएगा| लाभार्थियों की सूची संबंधित राज्य सरकारों द्वारा तैयार की जाएगी| यह स्कीम यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी द्वारा चलाई जाएगी|

· सुनामी से प्रभावित मछुआरों और ऋणदाताओं को सहायता

इस स्कीम में राज्य की सरकारी एजेंसियों को सहायता दी गई ताकि वे ऐसे ऋणदाताओं का मूलधन और ब्याज माफ कर सकें जिनकी सुनामी में मृत्यु हो गई है और सुनामी प्रभावित मछुआरों के लिए बकाया देय राशि/दंड ब्याज की समयसीमा को पुन: निर्धारित कर सकें| राज्य सरकारें स्कीम संबंधी कार्य समन्वित करेंगी और संबंधित विवरण उपलब्ध कराएंगी|

· सुनामी में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के निकट संबंधी को 1 लाख रु. की दर से अनुग्रह राशि

अब तक सुनामी के कारण मारे गए लोगों के 9171 निकट संबंधियों के खाते में 91.71 करोड़ रु. की राशि क्रेडिट की गई है| इसका राज्य-वार ब्यौरा नीचे दिया गया है:-

राज्य का नाम   

राशि (करोड़ रु.)

आंध्र प्रदेश

1.04

तमिलनाडु

60.68

अंडमान निकोबार

23.64

केरल  

1.30

पुद्दुचेरी

5.05

जोड़

91.71

अब तक तमिलनाडु के लिए 43 करोड़ रु.की अतिरिक्त राशि जारी की गई है| जैसे ही राज्य सरकार से लाभार्थियों का विवरण प्राप्त होगा, सीधे संबंधित लाभार्थी के खाते में निधि में से अनुग्रह राशि क्रेडिट कर दी जाएगी|