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October 23, 2013
बीजिंग, चीन

भारत में चीनी पावर उपकरण सेवा केंद्र स्‍थापि‍त करने के लि‍ए भारत गणराज्‍य की सरकार के ऊर्जा मंत्रालय और चीन जन-गणराज्‍य की सरकार के राष्‍ट्रीय ऊर्जा प्रशासन के बीच समझौता

भारत गणराज्‍य की सरकार के ऊर्जा मंत्रालय और चीन जन-गणराज्‍य की सरकार के राष्‍ट्रीय ऊर्जा प्रशासन (इन्‍हें अब 'दोनों पक्ष' कहा जाएगा)।

भारत-चीन रणनीति‍क आर्थि‍क संवाद (इन्‍हें अब एसइडी कहा जाएगा) व्‍यवस्‍था के तहत ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को आगे सघन और मजबूत करने की इच्‍छा से,

ऊर्जा सहयोग और भारत में चीनी पावर उपकरण सेवा केंद्र (इन्‍हें अब '' पीइएससीज'' कहा जाएगा) की स्‍थापना के प्रस्‍ताव का संज्ञान लेते हुए 26 सि‍तंबर, 2013 को बीजिंग में हुई एसइडी कार्यदल की बैठक में चर्चा की।

स्‍वीकार करते हुए कि‍ भारत चीनी पावर उपकरण नि‍र्माताओं के लि‍ए एक रणनीति‍क बाजार है और भारत की 11वीं पंचवर्षीय योजना में चीनी नि‍र्माताओं के उपकरणों का उपयोग करते हुए 18 गीगा वाट्स थर्मल पावर परि‍योजना शुरू कर चुका है और चीन में बने उपकरणों के उपयोग से लगभग 40 गीगा वाट्स की एक पावर परि‍योजना वर्तमान में नि‍र्माणाधीन है।

1. आम समझ को साझा करते हुए कि‍ पीइएससीज को स्‍थापि‍त करने से भारत संयंत्र स्‍वामि‍यों को समय पर सेवा देने, रख-रखाव और परि‍चालन लागत को आशानुकूल करने में सहायक होने में और जहां संभव हो रख-रखाव चक्र में कटौती करने में सक्षम होगा।

भारत और चीन दोनों के कानून और नि‍यमों के तहत और सहयोगात्‍मक, सम्‍मानजनक, समानता और जीत के सि‍द्धांतों के ढ़ांचे में ऊर्जा सहयोग के क्षेत्र में सहयोग बढ़ने से परस्‍पर लाभ की पुष्‍टि‍ करते हुए।

नि‍म्‍नलि‍खि‍त समझ पर पहुंचे हैं:-

1.1 दोनों पक्ष मान्‍यता देते हैं कि‍ बड़ी संख्‍या में चीन में नि‍र्मि‍त पावर उपकरण स्‍थापि‍त हो गए हैं अथवा वर्तमान में भारत में स्‍थापि‍त हो रहे हैं।

1.2 दोनों पक्ष स्‍वीकार करते हैं कि‍ परि‍चालि‍त आर्थि‍क संयंत्र के वि‍श्‍वसनीय परि‍चालन के लि‍ए और संयंत्र उपयोगि‍ता दर में सुधार के लि‍ए प्रार्थना पर अति‍रि‍क्‍त पूर्जों और सेवा सहायता की समय पर और नि‍र्बाध उपलब्‍धता का प्रावधान आवश्‍यक और महत्‍वपूर्ण है। इस पर सहमति‍ हो गई है कि‍ चीन जन-गणराज्‍य राष्‍ट्रीय ऊर्जा प्रशासन उन चीनी उपकरण नि‍र्माताओं को सक्रि‍यता से प्रोत्‍साहि‍त करेगा जो पावर उपकरण आपूर्ति‍ करते हैं। इसमें भारत में पीइएससीज को स्‍थापि‍त करने वाली भारतीय कंपनि‍यों को ऊर्जा उत्‍पादन उपकरण आपूर्ति‍कर्ता भी शामि‍ल हैं। सेवाओं का स्‍वरूप और आकार बाजार के सि‍द्धांतो के आधार पर उपकरण आपूर्ति‍कर्ताओं और परि‍योजना मालि‍कों द्वारा कि‍या जाएगा।

1.3 समझौते के ज्ञापन की‍ मंशा भारत में उपरोक्‍त पीइएससीज की स्‍थापना को लेकर दोनों पक्षों के बीच सहयोग की सामान्‍य राह परि‍भाषि‍त करने की है।

धारा -2 सहयोग कार्यक्रम

2.1 दोनों पक्ष भारत में पावर उपकरण सेवा केंद्रों (पीइएससीज) को चीनी आपूर्ति‍कर्ताओं/नि‍र्माताओं से अथवा कि‍सी समुचि‍त प्रणाली के माध्‍यम से स्‍थापि‍त करवाने पर सहमत हैं। सेवा केंद्रों को समुचि‍त उपकरण, व्‍यक्‍ति‍, अति‍रि‍क्‍त पूर्जें और अन्‍य सुवि‍धाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी, जि‍ससे वह मांगे जाने पर भारत में ही सभी अति‍रि‍क्‍त पूर्जें और सेवा सहायता उपलब्‍ध कराने में सक्षम हों।

2.2 भारत में पीइएससीज बाजार सि‍द्धांतों पर स्‍थापि‍त होंगे। ऊर्जा उपकरणों की सेवाओं की लागत और नि‍यम पीइएससीज और अंति‍म उपयोगकर्ता के बीच नि‍र्धारि‍त होगी।

2.3 दोनों पक्ष उप-समूह स्‍थापि‍त करने पर भी सहमत हुए जि‍समें संबंधि‍त सरकारी एजेंसि‍यां और सुवि‍धा पाने वाली कंपनि‍यां शामि‍ल रहेंगी और ठीक उसी तरह पीइएससीज की स्‍थापना की प्रगति‍ की समीक्षा होगी।

2.4 कंपनि‍यां अपने-आपको भारत में पीइएससीज को स्‍थापि‍त करने की प्रक्रि‍या पर लागू नि‍यम/कानून/वि‍धान/अनुमोदन‍ की पूरी जानकारी प्राप्‍त करेगी।

2.5 पीइएससीज प्रत्‍यक्ष रूप से परस्‍पर स्‍वीकृत सेवा शर्तों के आधार पर भारतीय ऊर्जा उत्‍पादक कंपनि‍यों द्वारा मांगी जाने वाली सेवाओं के प्रावधान के लि‍ए उत्‍तरदायी होंगी (पीइएससीज और भारतीय उत्‍पादक कंपनि‍यों के बीच) और यह भारतीय कानून/नि‍यम/वि‍धान के अनुरूप होगा और यह समझौता ज्ञापन कोई वि‍शेष और प्राथमि‍कता का व्‍यवहार पीइएससीज के साथ में नहीं करेगा।

धारा -3 वि‍वादों का नि‍पटारा

3.1 वर्तमान समझौते के तहत दोनों पक्षों में इसके अनुवाद और क्रियान्‍वयन पर ‍कि‍सी प्रकार के वि‍वाद की स्‍थि‍ति‍ में दोनों पक्ष मि‍त्रतापूर्वक आपसी-बातचीत से निपटारा करेंगे।

धारा-4 क्रि‍यान्‍वयन, समयावधि‍ और समाप्‍ति‍

4.1 यह समझौता हस्‍ताक्षर किये जाने की तिथि से लागू होगा। यह समझौता 5 वर्ष के लि‍ए लागू रहेगा यदि‍ कोई पक्ष इसे संशोधित अथवा समाप्‍त करता है तो उसे समाप्‍ति‍ की तारीख से दो महीनें पहले नोटि‍स देना होगा।

4.2 पीइएससीज कि‍सी भारतीय परि‍योजना मालि‍क से संबंधि‍त अति‍रि‍क्‍त पूर्जों और सेवाओं के प्रावधान के लि‍ए ऐसी शर्तों पर अनुबंध कर सकता है जो दोनों पक्षों को स्‍वीकार्य हों। यह अनुबंध इस ज्ञापन के नि‍यमों से आगे भी हो सकता है।

4.3 ज्ञापन में भी आपसी सहमति‍ से संशोधन हो सकता है।