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October 11, 2013
जकार्ता, इंडोनेशिया

भारत-इंडोनेशिया सामरिक भागीदारी को मजबूत बनाने के लिए पांच पहल पर संयुक्त वक्तव्य

इंडोनेशिया के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. सुसीलो युधोयोनो ने 10 से 12 अक्तूबर, 2013 को इंडोनेशिया की सरकारी यात्रा पर प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का स्वागत किया। यह डॉ. मनमोहन सिंह की इंडोनेशिया की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। इससे पहले उन्होंने अप्रैल 2005 में बांडुंग में आयोजित 1955 के एशियाई अफ्रीकी शिखर सम्मेलन की स्वर्ण जयंती के स्मरणोत्सव के लिए और नवंबर 2011 में 9 वें आसियान भारत शिखर सम्मेलन एवं छठे पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन के लिए इंडोनेशिया का दौरा किया था। दोनों नेताओं ने 11 अक्तूबर, 2013 को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और आपसी हित के वैश्विक मुद्दों पर व्यापक बातचीत की।

2. नेताओं ने स्वीकार किया कि भारत और इंडोनेशिया मित्र पड़ोसी हैं, दोनों के बीच घनिष्ठ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संपर्क, लोकतंत्र , बहुलवाद और विविधता के मूल्यों के लिए साझा प्रतिबद्धता और व्यापक स्तर पर मजबूत समानताओं और साझा चुनौतियों के साथ गतिशील अर्थव्यवस्थाओं के रूप में दोनों स्वाभाविक भागीदार हैं।

3. नेताओं ने ध्यान दिया कि दोनों के संबंधों में विकास को नवंबर 2005 में इंडोनेशिया के महामहिम राष्ट्रपति डॉ. सुसीलो युधोयोनो की भारत की राजकीय यात्रा के दौरान एक रणनीतिक साझेदारी की स्थापना के बाद नई गति मिली थी तथा जनवरी 2011 में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति की यात्रा के दौरान ’आगामी दशक में भारत-इंडोनेशिया नई सामरिक भागीदारी के लिए विजन’ को परिभाषित करने के लिए संयुक्त वक्तव्य से प्रोत्साहन मिला।

4. दोनों नेता मजबूत , बहुमुखी सहयोग को नई बुलंदी पर पहुंचाने के उद्देश्य के साथ रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने के लिए पांच सूत्री पहल अपनाने पर सहमत हुए।

प्रथम - सामरिक सहयोग

5. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री ने बहुपक्षीय घटनाओं सहित , वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने मंत्रिस्तरीय और कार्य समूह तंत्र सहित संवाद की मजबूत व्यवस्था करने के माध्यम से द्विपक्षीय परामर्श नियमित रूप से जारी रखने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने वार्षिक आधार पर संयुक्त आयोग की बैठक करने पर सहमति प्रकट की। उन्होंने दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों को द्विपक्षीय, क्षेत्रीय, बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर नियमित विचार विमर्श करने तथा सहयोग गतिविधियों का समन्वय करने के लिए वार्ता जारी रखने का निर्देश दिया। नेताओं ने कहा कि शिक्षा, पर्यटन, कोयला , तेल और गैस, कृषि, आतंकवाद से निपटने और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर क्षेत्रीय संयुक्त कार्य समूह अच्छी तरह से कार्य कर रहे हैं और इसके ठोस परिणाम सामने आए हैं। उन्होंनेे क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सहमति वाले उपायों के समयबद्ध कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।

6. नेताओं ने इस बात पर संतोष प्रकट किया कि दोनों देशों की संसदों के बीच शिष्टमंडलों के नियमित आवागमन से विचार, अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने में मदद मिली है। इससे न्यायिक संस्थाओं, चुनाव आयोगों और राजनीतिक दलों के नियमित दौरों को प्रोत्साहन मिला जिससे द्विपक्षीय संबंधों और लोकतांत्रिक मूल्यों अधिक मजबूत बनाने में योगदान होगा। उन्होंने भ्रष्टाचार का मुकाबला पर भारत के केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और इंडोनेशिया के कोमिसी पेम्बरानतासन कॉरुप्सी ( केपीके ) के बीच अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया।

7. नेताओं ने भारत-इंडोनेशिया प्रतिष्ठित व्यक्तियों के समूह ( ईपीजी ) के गठन का स्वागत किया और इस समूह को भारत एवं इंडोनेशिया के संबंधों के लिए एक साल के भीतर विजन दस्तावेज 2025 तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी। इस संबंध में उन्होंने ईपीजी का गठन करने के लिए संदर्भ शर्तों पर सहमति का स्वागत किया और समूह की प्रारंभिक बैठक बुलाने का निर्देश दिया।

8. नेताओं ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( इसरो) और इंडोनेशिया की एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस के राष्ट्रीय संस्थान ( लापान ) के बीच सहयोग में बढ़ती तेजी को स्वीकार किया। उन्होंने लापान और इसरो को बाह्य अंतरिक्ष अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में 2002 के सहयोग पर समझौता ज्ञापन को बदलने की व्यापक गुंजाइश के साथ शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए बाह्य अंतरिक्ष की खोज और उपयोग में सहयोग पर अंतर सरकारी फ्रेमवर्क समझौते को निष्कर्ष तक पहुंचाने में तेजी लाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके साथ ही एकीकृत बियाक टेलीमेट्री , ट्रैकिंग और कमांड ( टीटीसी ) स्टेशन , और इसरो के उपग्रह और प्रक्षेपण यान कार्यक्रम के लिए बियाक टीटीसी सुविधा के उपयोग के कार्यान्वयन संबंधी करार के शीर्षक के हस्तांतरण के समझौते पर भी बल दिया गया। इसरो और लापान भारतीय प्रक्षेपण वाहनों का उपयोग कर अंतरिक्ष में इंडोनेशियाई माइक्रो उपग्रहों के प्रक्षेपण की दिशा में काम करेंगे।

9. दोनों पक्षों ने शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ऊर्जा के उपयोग के संबंध में सहयोग पर समझौते के नवीकरण पर भी सहमत हुए।

द्वितीय - रक्षा और सुरक्षा सहयोग

10. नेताओं ने पुनः पुष्टि की कि भारत और इंडोनेशिया को रणनीतिक भागीदारों और क्षेत्रीय शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने में साझा रुचि के साथ समुद्री पड़ोसियों के रूप में सहयोग और अधिक मजबूत बनाने और पहले से ही मजबूत रक्षा सहयोग को व्यापक बनाने के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर संतोष प्रकट किया कि रक्षा मंत्रियों की वार्ता और संयुक्त रक्षा सहयोग समिति (जेडीसीसी) नियमित बैठकों तथा दोनों देशों की सेनाओं और नौसेनाओं के बीच स्थापित कर्मचारी वार्ता के आयोजन से दोनों के बीच रक्षा सहयोग में वृद्धि हुई है। दोनों पक्ष आवश्यक स्टाफ वार्ता की स्थापना सहित अपनी संबंधित वायु सेनाओं के बीच आदान प्रदान बढ़ाने के लिए सहमत हुए। वे जानकारी और खुफिया सूचना के आदान-प्रदान को जारी रखने के साथ ही विशेष सेना के बीच आदान-प्रदान, प्रशिक्षण और संयुक्त अभ्यास की आवृत्ति को बढ़ाने के लिए सहमत हुए। उन्होंने में सहयोग और रक्षा उपकरणों की बिक्री और सह-उत्पादन में सहयोग की संभावना तलाशने, परस्पर सहमत रक्षा संबंधी अनुसंधान गतिविधियों और दोनों पक्षों के बीच प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण सहयोग पर भी सहमति प्रकट की।

11. दोनों पक्ष भारत के संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना केंद्र और इंडोनेशिया के शांति एवं संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना पर सुरक्षा केंद्र के लिए केंद्र के बीच संपर्क स्थापित करने पर सहमत हुए।

12. उन्होंने क्षमता निर्माण पर निकट सहयोग और समुद्री सुरक्षा के क्षेत्र में सर्वोत्तम प्रथाओं के आदान प्रदान और संयुक्त अभ्यास के महत्व पर बल दिया। वे जलराशि विज्ञान के क्षेत्र में, संयुक्त सर्वेक्षण और समुद्री डोमेन जागरूकता के क्षेत्र में मौजूदा सहयोग बढ़ाने के लिए सहमत हुए।

13. नेताओं ने कहा कि प्रत्यर्पण संधि और 2011 में दोनों देशों के बीच हस्ताक्षरित आपराधिक मामलों में पारस्परिक कानूनी सहायता संधि के अनुसमर्थन की प्रक्रिया के पूरा होने से न्यायिक सहयोग मजबूत होंगे। दोनों पक्ष सजायाफ्ता व्यक्तियों के अंतरण के मुद्दे पर सहयोग स्थापित करने की संभावना का पता लगाएंगे।

14. वैश्विक आतंकवाद और अन्य अंतर्राष्ट्रीय अपराधों से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आम खतरों को समझते हुए नेताओं ने आतंकवाद, आतंकवादियों को वित्तीय सहायता देने, काले धन को वैध करने, हथियारों की तस्करी, मानव तस्करी और साइबर अपराध से निपटने में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। उन्होंने दोनों देशों की खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच संपर्क बढ़ाने के लिए और जहां जरूरी हो, एक दूसरे को सहायता के साथ प्रदान करने के लिए इन बुराइयों से लड़ने के लिए साझा प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने आतंकवाद से निपटने पर संयुक्त कार्य समूह की नियमित रूप से मुलाकात की सराहना की तथा नारकोटिक्स , ड्रग्स के अवैध व्यापार का मुकाबला करने के बारे में सहमति पत्र पर हस्ताक्षर का स्वागत किया। उन्होंने साइबर सुरक्षा के मुद्दों पर बातचीत शुरू करने के लिए दोनों पक्षों की प्रासंगिक एजेंसियों के निर्देश दिए।

15. नेताओं ने सुरक्षा सहयोग पर व्यापक कार्य योजना की दिशा में काम करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

16. नेताओं ने आपदा प्रबंधन में सहयोग संबंधी समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया जो साझा अनुभव और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए नियमित रूप से संयुक्त अभ्यास, प्रतिनिधिमंडलों के प्रशिक्षण सहयोग और आदान प्रदान में मदद करेगा तथा इस प्रकार अधिक कुशल और प्रभावी तरीके से प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की क्षमताओं को बढ़ाएगा।

तृतीय - व्यापक आर्थिक भागीदारी

17. नेताओं ने भारत और इंडोनेशिया के बीच बढ़ते व्यापार और निवेश संबंधों पर संतोष व्यक्त किया और 2015 तक 25 अरब अमरीकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को प्राप्त करने में विश्वास व्यक्त किया। उन्होंने आसियान-भारत व्यापार एवं सेवाएं समझौते तथा आसियान-भारत निवेश समझौते पर हस्ताक्षर के लिए अगस्त 2013 में ब्रुनेई में 11 वीं आसियान आर्थिक मंत्री और भारत के परामर्श की बैठक के दौरान आसियान और भारत की प्रतिबद्धता का स्वागत किया तथा यह भी कहा कि वह प्रतिबद्धता पूरी करने के बाद 3-6 दिसम्बर, 2013 को बाली में आयोजित होने वाले 9 वें विश्व व्यापार संगठन की मंत्रिस्तरीय सम्मेलन के मौके पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। नेताओं ने भारत और इंडोनेशिया व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते ( सीईसीए ) पर बातचीत जल्दी लांच निर्देश दिया जिससे अधिक गहराई और कवरेज के जरिए आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते का निर्माण होगा।

18. नेताओं ने व्यापार मंत्रियों के फोरम के दूसरी द्विवार्षिक बैठक और ऊर्जा फोरम की उद्घाटन बैठक जल्दी बुलाने की इच्छा प्रकट की। इन मंचों से व्यापार और निवेश करने की राह की बाधाओं को दूर करने के उद्देश्य से आर्थिक नीतियों पर निरंतर बातचीत को बढ़ावा मिलना चाहिए।

19. नेताओं ने 10 अक्तूबर, 2013 को जकार्ता में भारत और इंडोनेशिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के मंच के लिए दोनों पक्षों के व्यापार जगत के प्रमुख नेताओं की बैठक का स्वागत किया। उन्होंने मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के मंच से आग्रह किया कि वे नियमित वार्ता करें और द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश संबंधों को बढ़ाने के उपायों पर स्पष्ट और रचनात्मक सलाह प्रदान करें

20. नेताओं ने व्यापार करने के लिए व्यापार करारनामों के कार्यान्वयन की प्रभावी ढंग से निगरानी के लिए एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स की स्थापना पर सहमति प्रकट की। वे पीपीपी मोड के माध्यम से एक दूसरे के राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के विकास की योजनाओं में निवेश की सुविधा और भारत, इंडोनेशिया या तीसरे देशों में संयुक्त निवेश के लिए विशिष्ट परियोजनाओं की पहचान करने पर भी राजी हुए। उन्होंने संबंधित मंत्रालयों , एजेंसियों , अनुसंधान संघों और विद्वानों को नियमित रूप से सेमिनार , कार्यशालाओं और व्यापार अन्वेषण पर्यटन के आयोजन पर एक साथ काम करने के बारे में, विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने संबंधित मंत्रालयों से एक दूसरे के सड़क परिवहन और राजमार्ग क्षेत्र में निवेश के लिए एक सक्षम ढांचा प्रदान करने के लिए सड़क, राजमार्ग एवं परिवहन क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन की वार्ता में तेजी लाने के लिए आग्रह किया।

21. नेताओं ने इस बात पर बल दिया कि मानकों और अनुरूपता पर द्विपक्षीय सहयोग दोनों देशों के बीच व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। इस संबंध में इंडोनेशियाई राष्ट्रीय मानकीकरण एजेंसी और भारतीय मानक ब्यूरो को मानकीकरण और अनुरूपता आकलन सहयोग पर समझौता ज्ञापन की दिशा में काम तेज करना चाहिए। भारत और इंडोनेशिया दोनों ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए साझा आकांक्षा के साथ , ऊर्जा दक्षता प्रौद्योगिकी, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने में सहयोग करने के लिए सहमत हुए।

22. खाद्य सुरक्षा में चुनौतियों का सामना करने की दृष्टि से, नेताओं ने कृषि और एक समग्र रूप में मत्स्य पालन पर संयुक्त तकनीकी समिति पर संयुक्त कार्य समूह की सिफारिशों को लागू करने को प्रोत्साहित किया। उन्होंने निर्देश किया कि कृषि उत्पाद, मछली और मत्स्य उत्पादों के लिए आपसी पहुंच सुविधा प्रदान करने के लिए कदम उठाए जाएं तथा संयुक्त अनुसंधान, प्रौद्योगिकी विकास , क्षमता निर्माण और वैज्ञानिकों के आदान प्रदान के क्षेत्रों में सहयोग किया जाए।

23. नेताओं ने स्वास्थ्य सहयोग पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया जो स्वास्थ्य की आम चुनौतियों से निपटने में घनिष्ठ सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने यह निर्देश भी दिए कि दोनों पक्ष दवा के क्षेत्र में पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग का विस्तार करें। उन्होंने यह सहमति भी प्रकट की कि दोनों देशों के जेनेरिक दवा में घनिष्ठ सहयोग करें। दोनों देशों को गरीबी उन्मूलन , बाल संरक्षण , महिला सशक्तिकरण , पर्यावरण संरक्षण और शहरीकरण से संबंधित साझा विकास चुनौतियों का सामना करना पड़ा, इसका उल्लेख करते हुए उन्होंने आग्रह किया कि दोनों पक्ष इन चुनौतियों का सामना करने के लिए विचार विमर्श जारी रखें।

24. नेताओं ने दोनों देशों के लोगों के लिए खाद्य सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और खाद्य सुरक्षा तंत्र, अनुसंधान और विकास में और अंतरराष्ट्रीय निकायों में ठोस कार्रवाई करने की दिशा में एक साथ काम एवं अन्य सहयोगियों के साथ करने के लिए सहमत हुए।

25. नेताओं ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने के महत्व पर बल दिया और निर्देश दिया कि सहयोग के कार्यक्रम को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जाए तथा इस तरह के जैव प्रौद्योगिकी, समुद्री , कृषि, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और चिकित्सा, ऊर्जा, आपदा प्रबंधन, वैमानिकी और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे सहमति वाले सहयोग के क्षेत्रों में ठोस सहयोग के लिए एक रोड मैप विकसित करने का निर्देश दिया।

26. व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कनेक्टिविटी के महत्व को स्वीकार करते हुए नेताओं ने बाटिक एयर और जेट एयरवेज एवं गरूड़ इंडोनेशिया के बीच कोड साझेदारी सेवाओं के जरिए सीधी उड़ानों शुरू करने के लिए समझौते का स्वागत किया। उन्होंने सार्वजनिक निजी भागीदारी के माध्यम से प्रत्यक्ष शिपिंग लिंक और बंदरगाह विकास परियोजनाओं में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा देने को भी प्रोत्साहित किया।

27. नेताओं ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोगों के विकास के माध्यम से जलवायु परिवर्तनशीलता और परिवर्तन , भूभौतिकी और तटीय खतरों की पूर्व चेतावनी के साथ ही संबंधित मुद्दों सहित और आपदा जोखिम प्रबंधन समुदाय के समय बद्ध ढंग से प्रभावी सृजन, मौसम विज्ञान और जलवायु के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना के लिए समझौते का उल्लेख किया। दोनों पक्ष पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के संरक्षण के क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग के लिए द्विपक्षीय और आसियान के ढांचे के भीतर काम करने के लिए सहमत हुए।

चतुर्थ - सांस्कृतिक और जनता के बीच लिंक

28. नेता सांस्कृतिक आदान प्रदान कार्यक्रम के तहत कला, साहित्य, संगीत और नृत्य के प्रचार के माध्यम से करीबी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। युवाओं पर और पर्यटन को बढ़ावा देने में फिल्मों की लोकप्रियता और प्रभाव को स्वीकार करते हुए दोनों पक्ष निर्माण और उसके बाद निर्माण संबंधी गतिविधियों में दोनों देशों के फिल्म उद्योग के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए भी सहमत हुए।

29. नेताओं ने भारत और इंडोनेशिया में युवाओं की आबादी के लाभांश का दोहन करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में निवेश और मानव संसाधन विकास के महत्व को रेखांकित किया। दोनों पक्ष संकाय विनिमय, शिक्षक प्रशिक्षण, शिक्षा पर संयुक्त कार्य समूह की रूपरेखा के तहत डबल डिग्री कार्यक्रमों की सुविधा के लिए विश्वविद्यालय से विश्वविद्यालय संबंधों के संस्थागत रूप देने पर काम करने के लिए सहमत हुए। वे इंडोनेशिया के विश्वविद्यालयों में भारतीय अध्ययन के लिए और भारतीय विश्वविद्यालयों में इंडोनेशियाई अध्ययन के लिए विशेष विभाग की स्थापना करने पर सहमत हुए। वे पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में अध्ययन के लिए छात्रवृत्ति का विस्तार और पर्यटन को बढ़ावा देने के प्रयास में लेखक यात्रा और टूर ऑपरेटरों के लिए परिचय यात्राओं को बढ़ावा देने के लिए भी सहमत हुए। उन्होंने अल्पकालिक प्रशिक्षण और नियमित डिग्री पाठ्यक्रम के लिए एक दूसरे देशों के छात्रों को उपलब्ध छात्रवृत्ति का विस्तार करने पर भी सहमत हुए।

30. इंडोनेशिया ने आच में भारतीय पक्ष द्वारा बनाए गए व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र के उद्घाटन सराहना की और पापुआ में एक और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए भारत के प्रस्ताव का गर्मजोशी से स्वागत किया।

31. नेताओं ने उत्कृष्टता की अंतरराष्ट्रीय संस्था के रूप में नालंदा विश्वविद्यालय के महत्व को स्वीकार किया है और नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना पर समझौता ज्ञापन की पुष्टि के पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के निर्णय का स्वागत किया। इंडोनेशियाई पक्ष ने नालंदा विश्वविद्यालय के विकास के साथ जुड़ने की इच्छा व्यक्त की।

32. भारत के लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) और इंडोनेशिया के राष्ट्रीय लोक प्रशासन संस्थान (एनआइपीए) ने दोनों देशों के बीच सिविल सेवकों के वर्तमान प्रशिक्षण एक्सचेंजों को संस्थागत रूप देने के लिए सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए।

33. दोनों पक्ष खेल विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल उद्योग के क्षेत्र में सहित युवा और खेल मामलों पर ठोस सहयोग को बढ़ाने के लिए तथा कोच, खिलाड़ियों, विशेषज्ञों और संबंधित सरकारी एजेंसियों के बीच अधिक से अधिक संपर्क को बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए।

पांच - आम चुनौतियों से निपटने में सहयोग

34. नेताओं ने दिसम्बर, 2012 में नई दिल्ली में आयोजित आसियान-भारत स्मारक शिखर सम्मेलन के दौरान आसियान-भारत के संबंधों को सामरिक भागीदारी के स्तर तक बढ़ाने को याद किया। उन्होंने उस अवसर पर अपनाए गए विजन स्टेटमेंट को साकार करने की दिशा में काम करने के लिए दोनों देशों की प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों पक्ष पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस), आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) और आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक प्लस (एडीएमएम +) जैसे आसियान से संबंधित तंत्र में नजदीकी सहयोग जारी रखने पर सहमत हुए। उन्होंने आसियान क्षेत्रीय निकायों को मजबूत बनाने के लिए और महत्वपूर्ण समुद्री मुद्दों पर चर्चा के लिए एक मंच के रूप में, दूसरे विस्तारित आसियान समुद्री फोरम के परिणामों का उल्लेख भी किया।

35. इंडोनेशियाई पक्ष ने आसियान में भारत के एक राजदूत की नियुक्ति की भारत की घोषणा का स्वागत किया।

36 . अंतरराष्ट्रीय समुदाय वैश्विक आर्थिक सुधार की गति को बढ़ाने की साझा चुनौतियों का सामना करना पड़ा, इसे महसूस करते हुए दोनों पक्ष सहमत हुए कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रमुख सदस्यों के रूप में, इन महत्वपूर्ण मुद्दों के लिए आम और सामूहिक दृष्टिकोण पर आम सहमति प्राप्त करने में मदद करने के लिए भारत और इंडोनेशिया को संयुक्त राष्ट्र , यूएनएफसीसी, डब्ल्यूएमओ , विश्व व्यापार संगठन और जी-20 जैसे मंचों पर प्रभावी रूप से एक साथ काम करना चाहिए।

37. नेताओं ने उल्लेख किया कि हिंद महासागर के दो बड़े देशों के रूप में, भारत और इंडोनेशिया की हिंद महासागर रिम क्षेत्रीय सहयोग एसोसिएशन समुद्री सुरक्षा और रक्षा , व्यापार एवं निवेश सुगम बनाने, मत्स्य प्रबंधन, आपदा जोखिम में कमी, शैक्षणिक और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग और पर्यटन को बढ़ावा देने तथा सांस्कृतिक आदान और हिंद महासागर नौसैनिक संगोष्ठी (आयनों) के क्षेत्र में क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में हिंद महासागर रिम क्षेत्रीय सहयोग एसोसिएशन के प्रभाव को सुनिश्चित करने में बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने 19 सितम्बर, 2013 को नई दिल्ली में हिंद महासागर में भारत-इंडोनेशिया-ऑस्ट्रेलिया त्रिपक्षीय ट्रैक द्वितीय वार्ता के शुभारंभ का स्वागत किया।

38. इंडोनेशिया के राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री ने क्षेत्रीय शांति, प्रगति और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक एवं सुरक्षा, आर्थिक और सामाजिक, सांस्कृतिक क्षेत्रों में निकट संपर्क बनाने की दिशा में काम करने के अपने संकल्प के साथ दो अग्रणी उभरते देशों और सामरिक भागीदारों के रूप में भारत और इंडोनेशिया की मजबूत प्रतिबद्धता दुहराने के साथ बैठक संपन्न की।

39. भारत के प्रधान मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इस यात्रा के दौरान अनुकरणीय मेहमान नवाजी के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति महामहिम डॉ. सुसीलो युधोयोनो और इंडोनेशिया की जनता की सराहना की और आभार व्यक्त किया।