भाषण [वापस जाएं]

March 1, 2014
नई दिल्ली


सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में प्रधानमंत्री का भाषण

आज नई दिल्ली में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह के अवसर पर दिए गए प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह के भाषण का अनूदित पाठ इस प्रकार है:-

"सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय के राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह में हिस्सा लेते हुए मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है। मैं उन सभी विशिष्ट उद्यमियों को बधाई देता हूं जिन्होंने आज पुरस्कार प्राप्त किए हैं। मुझे यकीन है कि उनकी उपलब्धि देशभर में कार्य निष्पादन के उच्चतर मानदंड स्थापित करने के लिए प्रयास करने वाले अन्य सभी उद्यमियों के लिए प्रेरक सिद्ध होगी।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र हमारी राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह देश के सकल घरेलू उत्पादन में 8 प्रतिशत, विनिर्मित उत्पादन में 45 प्रतिशत और हमारे निर्यात में 43 प्रतिशत योगदान करता है। इस क्षेत्र में 10 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हैं। हमारी सरकार का हमेशा यह विश्वास रहा है कि तीव्र और समावेशी विकास के लिए इस क्षेत्र का सुदृढ़ कार्य निष्पादन अनिवार्य है। हम सभी के लिए यह पर्याप्त संतोष की बात है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र ने हाल के वर्षों में 10 प्रतिशत की स्वस्थ वृद्धि दर से बढ़ोतरी की है।

हमारी सरकार ने इस महत्वपूर्ण क्षेत्र के तीव्र विकास की रुकावटें दूर करने के लिए अनेक उपाय किए हैं। 2006 में पारित किया गया सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था। नतीजतन, हमने राष्ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्पर्धा कार्यक्रम पर अमल करना शुरू किया जो सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण माध्यम है।

हमने यह पता लगाने के लिए एक कार्यदल का भी गठन किया था कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र को और सुदृढ़ कैसे बनाया जाए। इस कार्यदल की रिपोर्ट 2010 में प्राप्त हुई थी और इसने कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की थीं। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि इस रिपोर्ट की सभी प्रमुख सिफारिशें लागू की जा रही है।

2012 में घोषित सरकारी खरीद नीति से सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र की बाजार पहुंच और प्रतिस्पर्धा की स्थिति में सुधार लाने में मदद मिलेगी क्योंकि इससे सरकारी खरीद कार्यक्रम में उनकी भागीदारी बढ़ाई गई है और बड़े उद्यमों के साथ उनका संपर्क कायम करने को प्रोत्साहित करने के उपाय किए गए हैं।

वर्ष 2013-14 के लिए बजट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त उपायों की घोषणा की गई थी। इन उपायों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिए उपलब्ध कर मुक्ति लाभ 3 वर्ष के लिए और जारी रखना शामिल है, भले ही उद्यमी का दर्जा बढ़ कर उच्च श्रेणी का हो गया हो। देश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के अंतर्गत कौशल विकास और नई प्रौद्योगिकियों के प्रोत्साहन को अंजाम देने के लिए विश्व बैंक की सहायता से देश में 15 अतिरिक्त टूल रूम स्थापित किए जा रहे हैं।

परंपरागत उद्योगों के पुनर्गठन पर ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है और इससे इन गतिविधियों में संलग्न 4 लाख कारीगरों को लाभ पहुंचने की उम्मीद है।

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र की सहायता के लिए किया गया अद्यतन उपाय ‘इंडिया इन्क्लूसिव इनोवेशन फंड’ अर्थात् भारत समावेशी नवाचार कोष’ की स्थापना है जिससे निचले स्तर पर नवाचार को बढ़ावा मिलेगा।

मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई है कि 2008-09 में शुरू किए गए प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की बदौलत 2 लाख से अधिक उद्यमों की स्थापना और 21 लाख बेरोजगार व्यक्तियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने में दोहरा लाभ हुआ है।

मैं आज इस अवसर पर इस बात की आवश्यकता पर बल देना चाहता हूं कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र को निर्यात बढ़ाना चाहिए। वैश्वीकरण की प्रक्रियाओं से उत्पन्न अवसरों का लाभ उठाने के लिए केवल उद्यमियों का एक छोटा हिस्सा अपने कौशल और संसाधनों का इस्तेमाल कर रहा है और जोखिम उठाने की इच्छा रखता है। हमें इस स्थिति में बदलाव लाना होगा। मुझे खुशी है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय इस क्षेत्र में अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के उपाय कर रहा है और हमारे उद्यमियों को अंतर्राष्ट्रीय बाजारों एवं विदेशी प्रौद्योगिकियों के संपर्क में ला रहा है।

सरकार के प्रयास तभी सफल हो सकते हैं जब निजी क्षेत्र और सिविल सोसायटी की भी भागीदारी हो। मैं भारत में उद्योग संगठनों और वाणिज्य मंडलों से अपील करता हूं कि वे उन बाधाओं के नए समाधान पेश करें, जो अभी भी सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के विकास में रुकावट बनी हुई हैं। इस बारे में नीति बनाने और कार्यान्वित करने के लिए रचनात्मक जानकारी प्रदान करना भी आवश्यक है।

अंत में मैं सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम क्षेत्र के लिए अपने केबिनेट सहयोगी श्री के एच मुनिअप्पा द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना भी करना चाहूंगा। मुझे विश्वास है कि हमारे देश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का भविष्य अत्यंत उज्ज्वल है। मैं आने वाले समय में इस क्षेत्र के लिए सभी सफलताओं की कामना करता हूं।"