भाषण [वापस जाएं]

January 10, 2014
मुंबई (महाराष्ट्र)


मुंबई में छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल (टी 2) के शुभारंभ के अवसर पर प्रधानमंत्री का भाषण

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज मुंबई में छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के नए एकीकृत टर्मिनल (टी 2) का शुभारंभ किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के भाषण का अनूदित पाठ इस प्रकार है:-

"मुझे विश्वास है कि आज हमारे देश में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के विकास में बहुत महत्वपूर्ण और विशेष अवसर है। मुझे छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के अत्याधुनिक टर्मिनल -2 के शुभारंभ के इस समारोह का अंग बनकर बहुत खुशी हो रही है।

इस टर्मिनल से हवाई अड्डों के लिए कामकाजी दक्षता और प्रचालन सुरक्षा नए वैश्विक बंचमार्क स्थापित होने की संभावना है। यह विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए हमारे राष्ट्र की क्षमता का भी उदाहरण है। मुझे कोई संदेह नहीं है कि यह टर्मिनल उन आकांक्षाओं को पूरा करेगा जो हमने इससे लगाई हैं और हमें इस पर गर्व होगा।

मैं इस अत्याधुनिक फैसिलिटी के निर्माण के लिए अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा निमिटेड की सराहना करता हूं। श्री जीवीके रेड्डी और उनके साथियों के उद्यमिता कौशल सचमुच प्रथम श्रेणी के हैं। मैं जानता हूं कि उन्होंने ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे के विस्तार एवं उन्नयन, खासतौर से मुंबई जैसे भूमि की कमी वाले शहर में गंभीर चुनौतियों पर विजय हासिल की है। यह और भी सराहनीय है कि उन्होंने सुनिश्चित किया है कि हवाई अड्डे के वर्तमान प्रचालन इस परियोजना के कार्यान्यन के दौरान भी प्रभावित नहीं हुए।

मैं भारत में नागरिक उड्डयन क्षेत्र के समग्र विकास में और खासतौर से टर्मिनल-2 परियोजना का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए अपने मंत्रिमंडल सहयोगी श्री अजित सिंह और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में उनकी टीम और राज्य मंत्री श्री के. सी. वेणुगोपाल की भी सराहना करता हूं।

हमने छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डे को विश्व स्तरीय बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। मुझे खुशी है कि हमारे प्रयास सफल हुए क्योंकि हाल के वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा परिषद की हवाई अड्डा यात्री सुविधा रेटिंग में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। इसकी एयरपोर्ट सेवा क्वालिटी रेटिंग 2007 में 3.53 से बढ़कर 2012 में 4.64 हो गई है। यह अब 25 से 40 मिलियन यात्री क्षमता श्रेणी में तीसरा श्रेष्ठ हवाई अड्डा है। मुझे यकीन है कि इसका टर्मिनल-2 चालू होने के बाद इस हवाई अड्डे में और सुधार होगा तथा दुनिया में बेहद बेहतरीन हवाई अड्डों में गिना जाएगा। वही हमारी महत्वाकांक्षा होनी चाहिए तथा ऐसा किया जा सकता है।

यह इस बात के मद्देनजर तार्किक महत्वाकांक्षा है कि नए टर्मिनल की डिजाइन विशेषताएं अत्याधुनिक हैं और खासतौर से ऊर्जा एवं जल दक्षता और इंडोर एयर क्वालिटी जैसी महत्वपूर्ण पर्यावरणीय समस्याओं से निपटने के अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरती हैं। यह यात्रियों के अनुकूल है और चलने में अक्षम लोगों सहित यात्रियों की सभी श्रेणियों के लिए सुविधाजनक हैं। एयरसाइड क्षमताओं को सशक्त बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया है जिसके फलस्वरूप अवरली रनवे मूवमेंट में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है। टर्मिनल-2 के चालू होने से छत्रपति शिवाजी एयरपोर्ट कोड एफ दक्ष हो गया है तथा अब ए-380 टाइप एयरपोर्ट प्रचालन संभालने के लिए तैयार है।

जैसा कि हम सब जानते हैं, भारत की ढांचागत जरूरतें असीम हैं। देश में ढांचागत कीम हमारी आर्थिक वृद्धि की दर को सीमित करने वाली गंभीर अवरोध मानी जा रही है। इसलिए हमें इस कमी को दूर करने के लिए दुगुनी मेहनत से काम करने की जरूरत है।

नए टर्मिनल का निर्माण सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल (पीपीपी)के तहत विशाल ढांचागत परियोजनाओं के सफल निष्पादन का एक और उज्ज्वल उदाहरण है जिसे हमारी सरकार ने हाल के वर्षों में प्रोत्साहित किया है। मुझे बहुत खुशी है कि पीपीपी मॉडल ने विशेष रूप से नागरिक उड्डयन क्षेत्र में काम किया है और अब 5 पीपीपी एयरपोर्ट देश के करीब 55 प्रतिशत यात्री परिवहन तथा 70 प्रतिशत कार्गो को संभाल रहे हैं।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर तुलना करें तो भारत में विमान यात्रा के लिए झुकाव फिलहाल बहुत कम है। प्रति व्यक्ति घरेलू विमान यात्रा हमारे यहां सिर्फ 0.05 प्रति वर्ष है जबकि अमरीका में यह 1.8 तथा ब्राजील में 0.25 और चीन में 0.15 है। इसलिए हमारे देश में नागरिक उड्डयन की वृद्धि के लिए असीम क्षमता है।

इसके मद्देनजरख् हमारी सरकार ने नागरिक उड्डयन क्षेत्र में वृद्धि, निजी भागीदारी और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अनेक नीति बनाई और नियामक सुधार किए हैं। घरेलू एयरलाइन्स में विदेशी कैरियर्स द्वारा 49 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तक अनुमति देने के निर्णय से भारतीय विमानन क्षेत्र में निवेश बढ़ाने में मदद मिलेगी।

मुंबई के लिए इस एयरपोर्ट के महत्व की अनदेखी नहीं की जा सकती। मुंबई हमारे देश की वित्तीय राजधानी है। यह उद्यम और सृजनात्मकता का प्रमुख स्रोत है जो हमारी आर्थिक का वाहक है। यह शहर सचमुच नए टर्मिनल -2 जैसी विश्व स्तरीय सुविधाओं का हकदार है।

मैं यहां यह उल्लेख भी करना चाहता हूं कि हमने नवीं मुंबई एयरपोर्ट संबंधी सभी लंबित मुद्दे सुलझा लिए हैं। महाराष्ट्र सरकार केंद्र सरकार के सहयोग से अब इस नए एयरपोर्ट के काम पर आगे बढ़ रही है।

अंत में एक बार फिर मैं उन सभी को बधाई देता हूं जिन्होंने इस बेहद महत्वपूर्ण परियोजना को बनाने में योगदान दिया है। मुझे यकीन है कि आने वाले समय में हम देश में ऐसी ही अनेक परियोजनाएं देखेंगे। मैं श्री जीवीके रेड्डी और उनके सहयोगियों को यह असाधारण कार्य करने के लिए बधाई देता हूं।

इन शब्दों के साथ, मैं बहुत खुशी के साथ नए एकीकृत टर्मिनल -2 को राष्ट्र को समर्पित करता हूं।

आपका धन्यवाद, जय हिंद।"