भाषण [वापस जाएं]

January 4, 2014
ति‍रूवनंतपुरम, केरल


टीसीएस ग्‍लोबल लर्निंग सेंटर के शि‍लान्‍यास के अवसर पर प्रधानमंत्री का भाषण

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज केरल में ति‍रूवनंतपुरम में टीसीएस ग्‍लोबल लर्निंग सेंटर की आधारशि‍ला रखी। इस अवसर पर दि‍ए गए उनके भाषण का वि‍वरण इस प्रकार है:-

"मैं आप सब को नववर्ष की शुभकामनाएं देता हूं।

मुझे इस बात की प्रसन्‍नता है कि‍ मैं टीसीएस ग्‍लोबल लर्निंग सेंटर के शि‍लान्‍यास समारोह में भाग ले रहा हूं। इस प्रयास के लि‍ए टीसीएस को बधाई देता हूं।

यह केंद्र एक ऐसे उद्देश्‍य की प्राप्‍ति‍ में योगदान देगा, जो हमारी राष्‍ट्रीय प्राथमि‍कताओं में से एक है, यानि‍ बड़े पैमाने पर हमारे युवकों और युवति‍यों को कौशल प्रशि‍क्षण देना। हमारा मानना है कि‍ ऐसा करके ही हम अपने युवाओं के लि‍ए पर्याप्‍त संख्‍या में उपयोगी रोजगार के अवसर पैदा कर सकते हैं और इसके साथ-साथ हमारी बढ़ती अर्थव्‍यवस्‍था के लि‍ए कौशल-युक्‍त कामगारों की मांग पूरी कर सकते हैं। इसलि‍ए हमारी सरकार ने कौशल वि‍कास के क्षेत्र में अपने लि‍ए महत्‍वाकांक्षी लक्ष्‍य तय कि‍ए हैं और उन्‍हें प्राप्‍त करने के लि‍ए कड़ी मेहनत कर रही है। हमने इस क्षेत्र में कई पहलें की है और इनमें से कई में हमने नि‍जी क्षेत्र के साथ भागीदारी की है।

मैं समझता हूं कि‍ प्रस्‍तावि‍त टीसीएस ग्‍लोबल लर्निंग सेंटर ति‍रुवनंतपुरम शहर में सूचना प्रौद्योगि‍की प्रशि‍क्षण का सबसे बड़ा केंद्र होगा। पूरी तरह से कार्य शुरू हो जाने पर यहां पर हर साल लगभग 50 हजार युवक-युवति‍यों को प्रशि‍क्षण दि‍या जा सकेगा। टीसीएस के प्रशि‍क्षणार्थि‍यों के लि‍ए यहां पर समग्र व्‍यावसायि‍क और व्‍यक्‍ति‍गत वि‍कास कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे। मुझे वि‍श्‍वास है कि‍ यह केंद्र, जहां सुंदर डि‍जाइन, पारि‍स्‍थि‍ति‍क सोच और आधुनि‍क प्रौद्योगि‍की के बीच समन्‍वय रखने की योजना है, वि‍भि‍न्‍न कंपनि‍यों के शि‍क्षा संस्‍थानों के लि‍ए एक वैश्‍वि‍क मानदंड स्‍थापि‍त करेगा।

टीसीएस कंपनी ति‍रुवनंतपुरम में सॉफ्टवेयर वि‍कास के लि‍ए एक वि‍शेष आर्थि‍क क्षेत्र की भी स्‍थापना कर रही है। यह ग्‍लोबल लर्निंग सेंटर केरल में और वि‍शेष रूप से ति‍रूवनंतपुरम में टीसीएस की भूमि‍का का और वि‍स्‍तार करेगा। केरल में मानव संसाधन की उच्‍च गुणवत्‍ता को देखते हुए मुझे उम्‍मीद है कि‍ टीसीएस और अन्‍य आईटी कंपनि‍यां केरल में और भी पहलें शुरू करेंगी।

पि‍छले 20 वर्षों में भारत में नि‍जी क्षेत्र ने जो सफलताएं प्राप्‍त की हैं, टीसीएस उसका एक शानदार उदाहरण है। इसने आईटी और आईटी आधारि‍त सेवाओं के लि‍ए वि‍श्‍व बाजार में अपनी जगह बनाई है और सॉफ्टवेयर वि‍कास के क्षेत्र में उत्‍कृष्‍टता के मानदंड स्‍थापि‍त कि‍ए हैं। टीसीएस की गि‍नती आज दुनि‍या की 10 शीर्ष आईटी सेवा कंपनि‍यों में है। प्रौद्योगि‍की सेवा उद्योग में टीसीएस न केवल भारत में सबसे अधि‍क सम्‍मानि‍त कंपनी है, बल्‍कि‍ दुनि‍या में भी यह दूसरी महत्‍वपूर्ण कंपनी है।

मुझे इस बात की खुशी है कि‍ आर्इटी और आईटी आधारि‍त सेवाओं के क्षेत्र में टीसीएस न केवल वि‍श्‍व की एक अग्रणी कंपनी है, बल्‍कि‍ यह हमारे समाज की आवश्‍यकताओं के प्रति‍ भी जागरूक है। टीसीएस ने शि‍क्षा, स्‍वास्‍थ्‍य और पर्यावरण के क्षेत्रों में कई परि‍योजनाएं शुरू की है। अपने प्रौढ़ शि‍क्षा कार्यक्रम से कंपनी ने शि‍क्षा के क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण योगदान दि‍या है, जि‍ससे अब तक लगभग 2 लाख लोगों को लाभ पहुंचा है। बीपीओ रोजगारपरकता कार्यक्रम से कमजोर वर्गों के 22 हजार से अधि‍क छात्र प्रशि‍क्षण प्राप्‍त कर चुके हैं और इनमें से अधि‍कतर को कंपनी में लाभकारी रोजगार मि‍ला है। कश्‍मीरी युवाओं के कौशलों के उन्‍नयन के लि‍ए टीसीएस ने उड़ान परि‍योजना के अंतर्गत राष्‍ट्रीय कौशल वि‍कास नि‍गम के साथ भी भागीदारी की है, ताकि‍ वे भारतीय कंपनि‍यों में कार्य करने की योग्‍यता प्राप्‍त कर सकें। स्‍वास्‍थ्‍य के क्षेत्र में कंपनी ने एक एकीकृत अस्‍पताल प्रबंधन व्‍यवस्‍था वि‍कसि‍त करने के लि‍ए आईटी क्षेत्र में अपनी वि‍शेषज्ञता का उपयोग कि‍या है, जिसका कई अस्‍पताल और सामाजि‍क संगठन लाभ उठा रहे हैं।

पि‍छले कुछ वर्षों में भारत ने आईटी क्षेत्र में और वि‍शेष रूप से सॉफ्टवेयर वि‍कास के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति‍ की है। सरकार एक ऐसा वातावरण उपलब्‍ध कराने के लि‍ए प्रति‍बद्ध है, जि‍ससे इस क्षेत्र को और अधि‍क वि‍कास के लि‍ए प्रोत्‍साहन मि‍ले। रंगाचारी रि‍पोर्ट की सि‍फारि‍शों के अनुरूप आईटी क्षेत्र से संबंधि‍त कर संबंधी अनेक मुद्दों पर गौर कि‍या गया है। हम आव्रजन और वीजा से संबंधि‍त मुद्दों को भी हल करने की कोशि‍श कर रहे हैं। हम देश में हार्डवेयर इको-प्रणाली में सुधार करने का प्रयास कर रहे हैं और दो सेमीकन्‍डक्‍टर वेफर फेब्रीकेशन वि‍नि‍र्माण सुवि‍धाओं की स्‍थापना की संभावना पर वि‍चार कर रहे हैं।

अंत में मैं टीसीएस के ग्‍लोबल लर्निंग सेंटर की सफलता की कामना करता हूं। मैं टीसीएस कंपनी को भवि‍ष्‍य में और सफलताएं प्राप्‍त करने के लि‍ए भी शुभकामनाएं देता हूं।

धन्‍यवाद।"