भाषण [वापस जाएं]

September 12, 2012
कोच्चि, केरल


‘उभरता केरल 2012’ सम्‍मेलन में प्रधानमंत्री का भाषण

प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने आज कोच्चि में उभरता केरल 2012: वैश्विक संपर्क सम्‍मेलन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर दिए गए उनके भाषण का विवरण इस प्रकार है:

मैं इस सुन्‍दर राज्‍य केरल में एक बार फिर आकर बहुत प्रसन्‍न हूं। ओणम का राज्‍य पर्व अभी समाप्‍त हुआ है और मैं केरल के सभी निवासियों और अनिवासियों के लिए आने वाले वर्ष में खुशी और निरंतर समृद्धि की कामना करता हूं। इससे पहले कि मैं कुछ कहूं, मैं हमारे विशिष्‍ट विदेशी अतिथियों, राजनयिकों और इस सम्‍मेलन में भाग लेने के लिए विश्‍व के विभिन्‍न भागों से आए लोगों का स्‍वागत करता हूं।

मैं अपने मित्र केरल के मुख्‍यमंत्री श्री ओमन चांडी और केरल सरकार, भारतीय औद्योगिक परिसंघ तथा नॉसकाम को इस विशाल सम्‍मेलन उभरता केरल 2012: वैश्विक संपर्क का आयोजन करने के लिए बधाई देता हूं। मैं इस बात पर खास तौर पर प्रसन्‍न हूं कि यह केवल एक सम्‍मेलन ही नहीं है, बल्कि उस प्रक्रिया की शुरूआत है, जो सर‍कार और कॉरपोरेट जगत के नेताओं, नियामक संस्‍थाओं के प्रमुखों, अर्थशास्‍त्रियों, विद्वानों तथा समाज के विभिन्‍न क्षेत्रों के अग्रणी पुरूषों और महिलाओं को हर दो साल बाद मिलने का अवसर देगी, जिसमें केरल को निरंतर आर्थिक और सामाजिक विकास की दृष्टि से सशक्‍त राज्‍य बनाने के लिए मिलकर नए रास्‍ते खोजे जाएंगे।

प्रतिभा, विशेज्ञता और अनुभव के इस संगम से नए महत्‍वपूर्ण संयुक्‍त प्रयास शुरू होंगे, जो अपनी क्षमता से लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए नए-नए मार्ग खोलेंगे। इसके परिणामस्‍वरूप नई भागीदारियां होंगी, जिनसे स्‍थानीय क्षमताओं का निर्माण करने में मदद मिलेगी और स्‍थानीय रोजगार बढ़ेगा, स्‍थानीय उत्‍पादन की कीमत बढ़गी और निर्यात बढ़ेगा। इस प्रकार केरल अपने सृजनशील राज्‍य की अब तक की अनुपयुक्‍त व्‍यापक क्षमता का उपयोग कर सकेगा। मैं इस वर्ष के लिए और आगे आने वाले वर्षों के लिए इस सम्‍मेलन की सफलता की कामना करता हूं।

केरल भारत के राज्‍यों में कई दृष्टियों से अद्भुत राज्‍य है। सामाजि‍क और मानव विकास की प्रगति के इसके आंकड़े विकसित देशों के बराबर है। केरल के पास विशाल प्राकृतिक संसाधन है। इसके लोग बहुत प्रतिभासंपन्‍न है। प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्‍कृतिक विरासत, लाजवाब व्‍यंजन और सहृदय तथा मैत्रीपूर्ण लोगों के कारण केरल ने विश्‍व पर्यटन में अपना एक विशेष स्‍थान बना लिया है, जहां हर साल लाखों की संख्‍या में देशी और विदेशी पर्यटक आते हैं।

इन सब सशक्‍त पहलुओं के साथ-साथ लोगों को एक स्‍वच्‍छ, पारदर्शी और कारगर प्रशासन देने की मुख्‍यमंत्री के प्रयासों के परिणामस्‍वरूप राज्‍य में बाहरी निवेश को आकर्षित करने की पर्याप्‍त संभावनाएं है। मुझे विश्‍वास है कि आज के इस सम्‍मेलन जैसे अन्‍य प्रयासों से राज्‍य में उद्यमों के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाने में मदद मिलेगी।

इस अद्भुत राज्‍य के लोग साहसी हैं, जो रोजगार के लिए कही भी जाने, नए उद्यम स्‍थापित करने और नई उपलब्धियां हासिल करने के लिए प्रसिद्ध हैं। वैश्‍वीकरण का सिलसिला शुरू होने से बहुत पहले केरल के अन्‍य देशों के साथ संपर्क जुड़ गए थे। केरल का दुनिया के कई देशों के साथ मसालों के व्‍यापार का सदियों पुराना इतिहास है, जो वास्‍को-डा- गामा के 1498 में कोझीकोड के तट पर पहुंचने से भी पुराना है।

केरल के 20 लाख से ज्‍यादा लोग भारत के बाहर खाड़ी देशों और अन्‍य देशों में काम करते हैं। ये अनिवासी केरल के लोग जो पैसा भेजते हैं, उसका राज्‍य की अर्थव्‍यवस्‍था में बहुत योगदान है। यह योगदान राज्‍य के सकल घरेलू उत्‍पाद में 22 प्रतिशत से भी अधिक है। शायद इस अंशदान को केरल की अर्थव्‍यवस्‍था की रीड़ की हड्डी कहा जा सकता है और ऐसा पिछले चार दशकों से हो रहा है।

यह बहुत उत्‍साहजनक है कि अनिवासी केरल के लोग अब राज्‍य में होटलों, अस्‍पतालों और शॉपिंग कॉम्‍पलेक्‍स जैसी परियोजनाओं में निवेश कर रहे हैं, जिससे नए भौतिक और सामाजिक ढांचे खड़े करने में मदद मिलती है और राज्‍य के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।

हमें ऐसा वातावरण बनाना चाहिए, जिससे हर संभव तरीके से इस प्रकार का निवेश बढ़े और मुझे मुख्‍यमंत्री के इस संकल्‍प के बारे में जानकर बहुत खुशी हुई है कि उनका ऐसा ही करने का दृढ़ निश्चिय है। मुझे उम्‍मीद है कि यह सम्‍मेलन इसके लिए नए रास्‍ते सुझाएगा।

मेरी सरकार राज्‍य में बढि़यां औद्योगिक ढांचा स्‍थापित करने के राज्‍य सरकार के प्रयासों में सहायता देने के लिए वचनबद्ध है। कल मैं अलुवा को पेट्टा से जोड़ने वाली कोच्चि मेट्रो रेल परियोजना की आधारशिला रखूंगा। हमारी सरकार ने 5100 करोड़ रुपये से अधिक लागत की इस परियोजना को मंजूरी दी है। जब यह परियोजना पूरी हो जाएगी, तो यातायात की भीड़-भाड़ कम हो जाएगी और राज्‍य की इस वाणिज्‍यिक राजधानी का स्‍वरूप बदल जाएगा।

फरवरी 2011 में केरल की अपनी यात्रा के दौरान मैंने वल्‍लारपदम में देश के पहले अंतर्राष्‍ट्रीय कंटेनर ट्रांस-शिपमेन्‍ट टर्मिनल और तिरूवनंतपुरम हवाई अड्डे के अंतर्राष्‍ट्रीय टर्मिनल भवन का उद्घाटन किया था। वल्‍लारपदम टर्मिनल की योजना कोच्चि को विश्‍व का एक प्रमुख ट्रांस-शिपमेन्‍ट केन्‍द्र बनाने के लिए बनाई गर्इ है, जिससे कि यह एक बड़ा आर्थिक और लॉजिस्टिक केन्‍द्र बन सके। व्‍यापार और कस्‍टम गतिविधियों के कारण इस केन्‍द्र के संचालन से संबंधित कुछ मुद्दे थे, जिन्‍हें अब हल कर लिया गया है। केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में विशेष रूप से वल्‍लारपदम के लिए तटीय व्‍यापार प्रतिबंधों में ढील देने का फैसला किया है। मुझे पूरा विश्‍वास है कि इस ऐतिहासिक बंदरगाह के बारे में हमारा सपना जल्‍दी पूरा होगा और देश की कंटेनर सेवा का प्रमुख कार्य इसी बंदरगाह के जरिए होगा।

कई अन्‍य परियोजनाएं भी है, जिन्‍हें पिछले कुछ वर्षों में हमारी यूपीए सरकार ने केरल के लिए स्‍वीकृति दी है। 2009 में ऐझीमाला में मैंने भारतीय नौसेना अकादमी का भी का उद्घाटन किया था। 2007 में तिरूवनंतपुरम में ब्राह्मोस एयरोस्‍पेस चालू हो गया था। पलक्‍कड़ के लिए एक रेल कोच फैक्‍टरी की घोषणा की गई है। कोचीन पोर्ट ट्रस्‍ट में पुथुवाइपीन में तरल प्राकृतिक गैस पुनर्गैसीकरण टर्मिनल की स्‍थापना के लिए केन्‍द्रीय क्षेत्र की एक बड़ी परियोजना पर कार्य चल रहा है। जब इस परियोजना का कार्य पूरा हो जाएंगा, तो राज्‍य में बिजली, मत्‍स्‍य पालन और खाद्य प्रसंसकरण उद्योगों के लिए प्राकृतिक गैस की उपलब्‍धता बेहतर हो जाएगी।

हमारी यूपीए सरकार द्वारा स्‍थापित भारतीय विज्ञान शिक्षा और अनुसंधान संस्‍थान तथा भारतीय अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी संस्‍थान उत्‍कृष्‍ट संस्‍थान बनते जा रहे हैं। हमने कासरगोड में एक केन्‍द्रीय विश्‍वविद्यालय भी स्‍थापित किया है। राज्‍य में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्‍थान-आईआईटी स्‍थापित करने की मांग पर हमारी सरकार गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है।

यूपीए सरकार ने केरल को निवेश का प्रमुख केन्‍द्र बनाने के प्रयासों को प्रोत्‍साहन दिया है और इसके लिए सक्रिय सहयोग दिया है। हम यह सहयोग देना जारी रखेंगे। हम चाहेंगे कि केरल ज्ञान और नवीकरण पर आधारित जन हितैषी समग्र और सतत विकास के मार्ग पर अग्रसर हो तथा पर्यावरण की जरूरतों का भी ध्‍यान रखे।

राज्‍य में अधिक श्रम की आवश्‍यकता वाला विनिर्माण क्षेत्र अधिक लाभकारी है और छोटे तथा सूक्ष्‍म कारोबारों को सभी प्रकार के सहायता देने की आवश्‍यकता है। मुझे खुशी है कि श्री ओमन चांडी के नेतृत्‍व में राज्‍य सरकार ढांचे का तेजी से विकास करने के प्रति पूरी तरह सजग है, जो राज्‍य के औद्योगिक विकास के लिए आवश्‍यक है।

मेरा राज्‍य सरकार से आग्रह है कि वह केन्‍द्र सरकार के प्रयासों और विशेष रूप से राष्‍ट्रीय कौशल विकास मिशन का अधिक से अधिक लाभ उठाए। इससे राज्‍य के शिक्षित वर्ग की ऊर्जा का पूरा उपयोग करने में मदद मि‍लेगी।

मुझे इस बारे में कोई संदेह नहीं है कि केरल अपने विशाल संसाधनों का पूरा लाभ उठाएगा और देश में एक महत्‍वपूर्ण निवेश केन्‍द्र के रूप में उभर कर सामने आएगा। मैं एक आधुनिक, औद्योगिक और समृद्ध केरल के निर्माण के प्रयासों में सफलता के लिए राज्‍य सरकार और यहां के लोगों को अपनी सुभकामनाएं देता हूं।