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प्रधानमंत्री डा0 मनमोहन सिह ने आज बिजली क्षेत्र की निजी कंपनियों को आश्वासन दिया किअनेक समस्याओं का सामना कर रहे बिजली उत्पादन और वितरण क्षेत्र के लिए एक व्यावहारिक और उपयोगी सामाधान खोजा जाएगा। दिल्ली स्थित अपने आवास पर श्री रतन टाटा के नेतृत्व में आए उद्योग के प्रमुखों को सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने कहा किउनके प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक सचिव-स्तरीय समितिबिजली क्षेत्र की अल्पकालीन समस्याओं के लिए एक समयबद्ध समाधान की रूप-रेखा का सुझाव देगी । यह समिति विद्युत उत्पादक संघ के प्रतिनिधिमंडल द्वारा उठाए गए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान का मार्ग भी सुझाएगी। प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा किबिजली क्षेत्र राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में शामिल है और बिजली परियोजनाओं को उपयोगी बनाने के लिए खतरों को कम करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कियह एक राष्ट्रीय चुनौती है और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को निराश नहीं होना चाहिए। उन्होनें प्रतिनिधियों को बिजली क्षेत्र के सम्मुख आने वाली समस्याओं को कम करने के लिए सभी सम्भव कदम उठाने में सरकार की प्रतिबद्धता का आश्वासन दिया। उन्होंने बिजली क्षेत्र पर प्रभाव डालने वाली महत्वपूर्ण समस्याओं के समाधान के लिए इस बैठक में उपस्थित अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों को सभी प्रयास करने का भी निर्देश दिया। इस बैठक में बिजली मंत्रि सुशील कुमार शिंदे, कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, योजना आयोग के उपाध्यक्ष डा0 मोंटेक सिंह अहलूवालिया और पर्यावरण एवं वन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंती नटराजन उपस्थित थे।
इससे पहले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने घरेलू कोयले की कमी, आयातित कोयले की कीमतों में वृद्धि, गैस की अपर्याप्त उपलब्धता, वितरण सुधारों की आवश्यकता और बिजली परियोजनाओं के लिए धन की व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर एक ज्ञापन-पत्र दिया। विद्युत क्षेत्र के उद्योग प्रमुखों की मांगों को सुनने के बाद प्रधानमंत्री ने उनको त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया और कहा किउनके प्रधान सचिव एक महीने के बाद इन प्रतिनिधियों से मिलेंगे और इस संबंध में हुई प्रगतिकी जानकारी देंगे।