प्रधान मंत्री की समितियां एवं परिषदें[वापस जाएं]

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों पर प्रधान मंत्री की परिषदें (एमएसएमई)

अगस्त 2009 में प्रधान मंत्री ने उस समय टॉस्क फोर्स के गठन की घोषणा की थी, जब प्रमुख एमएसएमई एसोसिएशन्स के प्रतिनिधियों ने उनसे मिलकर अपने मुद्दों और चिंताओं से उन्हें अवगत कराया था। तदनुसार 2 सितंबर, 2009 को श्री टी.के.ए. नायर, प्रधान मंत्री के प्रमुख सचिव के अधीन टॉस्क फोर्स का गठन किया गया ताकि एसोसिएशनों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर विचार करने एवं सभी हिस्सेदारों के साथ विचार-विमर्श के बाद कार्रवाई हेतु एक एजेण्डा तैयार किया जा सके। इसके सदस्यों में योजना आयोग के सदस्य, संबंधित सरकारी विभागों के सचिव, आर.बी.आई. के डिप्टी गवर्नर, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेश, एस.आई.डी.बी.आई. तथा एमएसएमई एसोसिएशनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। 

रिपोर्ट में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों के विकास एवं संवर्धन के लिए एक रोड मैप तैयार किया गया है। इस रिपोर्ट में हाल की आर्थिक मंदी के मद्देनजर एमएसएमई को राहत और प्रोत्साहन देने हेतु तुरंत कार्रवाई करने के लिए एक एजेण्डा की सिफारिश भी की गई है। इसमें संस्थागत बदलावों एवं विस्तृत कार्यक्रमों को समयबद्ध रूप से पूरा करने का भी उल्लेख किया गया है। इसके अलावा इसमें समुचित कानूनी एवं रेगुलेटरी ढांचे के गठन की भी सलाह दी गई है ताकि देश में उद्यमों हेतु अनुकूल वातावरण बनाया जा सके और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों का विकास हो सके। तदनंतर एमएसएमई क्षेत्र के विकास एवं व्यापक नीति हेतु मार्गदर्शी सिद्धांत बनाने के लिए एमएसएमई पर प्रधान मंत्री की परिषद् का गठन 7 अप्रैल, 2010 में किया गया। परिषद् की बैठक वर्ष में एक बार होगी।

एक स्टीयरिंग ग्रुप का भी गठन किया गया है जिसमें सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, वित्त, श्रम आदि मंत्रालयों के सचिव शामिल हैं। इस स्टीयरिंग ग्रुप की बैठक अप्रैल में हो चुकी है जिसमें टास्क फोर्स की सिफारिशों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा की गई है।